मध्यप्रदेश के रीवा जिले के नगर परिषद त्योंथर के वार्ड नम्बर 5 की जनता नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी आनंद श्रीवास्तव की तानाशाही रवैये से परेशान है,सीएमओ आनंद श्रीवास्तव के तनाशाही के कारण वार्ड नम्बर 5 का विकास कार्य ठप है जिसके कारण आज पूरे वार्ड की जनता नरकीय जीवन जीने को मजबूर है।
वार्ड 5की पार्षद प्रियंका राजबहादुर सिंह और उनके प्रतिनिधि का आरोप है कि अपने चहेते पार्षदों के सिवा दूसरे पार्षदों की नही सुनते सीएमओ आनंद श्रीवास्तव वही पार्षद का कहना है कि मेरे वार्ड का कई विकास कार्य महीनों से पास हो गया है लेकिन सीएमओ द्वारा विकास कार्य की संतुति नही दी जा रही है। क्योकि मेरे प्रतिनिधि द्वारा नगर परिषद के पैसों के खर्च का आरटीआई द्वारा ब्यौरा मांगा गया जिसके कारण हमारे वार्ड के विकास कार्यो पर रोक लगा दिया है ,वहीं पार्षद ने बताया कि जब हमने विकास कार्यों की प्रगति की बात की तो सीएमओ आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि जब आरटीआई वापस लोगे तभी आपके वार्ड में विकास कार्य शुरू कराया जाएगा। वही पार्षद प्रतिनिधि का आरोप है कि पूरे नगर परिषद में सीएमओ द्वारा भ्र्ष्टाचार का बोल बाला है, सीएमओ द्वारा आए दिन डीजल एवं अन्य कार्यो के नाम पर सरकारी धन निकालकर अपने ऊपर खर्च किया जाता है एवं सरकारी कर्मचारियों को अपने निजी कार्यो के लिए लगाकर कार्य कराया जाता है।
वार्ड की जनता एवं पार्षद के साथ साथ पार्षद प्रतिनिधि की शासन प्रशासन से मांग है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ( सीएमओ ) के कार्यो की जांच कराकर कार्यवाई की जाए और वार्ड नम्बर 5 के विकास कार्यो पर ध्यान दिया जाए एवं विकास कार्य अति शीघ्र कराया जाए।
वही विंध्य शक्ति युवा संघ ने नगर के विकास कार्यों को रोकने एवं वार्ड 5 की पार्षद की मांगों पर अमल न करने के एवज में अनुविभागीय दंडाधिकारी त्यौथर के नाम से तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर 5 मार्च से नगर परिषद कार्यालय के सामने आमरण अनशन बैठने के लिए अनुमति चाही गई है । वहीं विंध्य शक्ति युवा संघ के प्रमुख राजबहादुर सिंह मजनू ने बात करते हुए बताया कि जनता की मुद्दों पर प्रशासन कि उदासीनता ने हम सबको इस कदम को उठाने को मजबूर कर दिया है यदि प्रशासन ने एक सप्ताह में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो हम आमरण अनशन बैठकर अपनी मांगों को शासन प्रशासन तक पहुंचाने का काम करेंगे ।।
Home विन्ध्य प्रदेश Rewa Teonthar News: नगर परिषद त्यौंथर के मुख्य नगर परिषद आधिकारी का सौतेला व्यवहार नागरिकों को आमरण अनशन में बैठने को किया मजबूर