ना ये जादू है, ना ही कोई चमत्कार — ये हकीकत है भारतीय शेयर बाजार की, जिसने मंगलवार की सुबह ऐसा धमाका किया कि देशभर के निवेशकों की किस्मत ही बदल गई। सेंसेक्स में 1750 अंकों की उछाल ने ना सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि यह बता दिया कि बाज़ार में विश्वास की बयार चल पड़ी है। लेकिन सवाल ये है — आख़िर ऐसा क्या हुआ जो पूरे ग्लोबल और भारतीय बाजारों ने एक साथ करवट ली?
मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार ने ऐसा उछाल देखा, जिसने सभी को हैरान कर दिया। सेंसेक्स सुबह 9:27 बजे तक 1576 अंकों की छलांग लगाकर 76,733.71 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी ने भी 470 अंकों की तेजी के साथ 23,298.75 का आंकड़ा छू लिया। बैंक निफ्टी में 1100 अंकों से ज्यादा की उछाल दर्ज की गई। टाटा मोटर्स, HDFC, भारती एयरटेल, L&T और M&M जैसे दिग्गज शेयरों में ज़बरदस्त तेजी देखी गई, जिनमें टाटा मोटर्स 5% की छलांग के साथ टॉप गेनर बना। बजाज फाइनेंस के शेयरों में 3.5% की वृद्धि ने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। IT, मेटल और रियल्टी सेक्टर ने भी अपने-अपने क्षेत्र में बड़ी वापसी की।
इस तूफानी तेजी के पीछे एक बड़ा कारण अमेरिकी सरकार की नीतियों से जुड़ा है। अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले स्मार्टफोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ हटाने का निर्णय लिया। इस फैसले का असर सीधे तौर पर ग्लोबल बाजारों पर पड़ा और टेक्नोलॉजी शेयरों ने रफ्तार पकड़ी। जापान के निक्केई इंडेक्स में 1.15% की तेजी देखी गई जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 1.16% की बढ़त आई। सुजुकी, होंडा और टोयोटा जैसे ऑटो दिग्गजों के शेयर 5% से ज्यादा उछले। इस सकारात्मक ग्लोबल सिग्नल ने भारतीय निवेशकों में नई ऊर्जा भर दी।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर को टैरिफ से राहत देने की बात कही गई, ने टेक शेयरों को बूस्टर डोज दे दिया। वॉल स्ट्रीट में भी इसकी धमक साफ दिखाई दी — डॉव जोन्स 312 अंक, S&P 500 लगभग 43 अंक और नैस्डैक 107 अंक चढ़कर बंद हुआ। टेक्नोलॉजी और ऑटो सेक्टर में इस सकारात्मक माहौल ने भारत के बाजारों में भी सीधा असर डाला और निवेशकों को भारी मुनाफा दिलाया।
दक्षिण कोरिया का KOSPI 0.39% और किया कॉर्प, हुंडई मोटर जैसे स्टॉक्स में 2.5% से अधिक की तेजी ने एशियाई बाजारों को मजबूती दी। हांगकांग का हेंग सेंग इंडेक्स भी हरे निशान पर खुला। इन अंतरराष्ट्रीय संकेतों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट पर नरम रुख और स्थिरता ने घरेलू बाजार को नया भरोसा दिया। निवेशकों की ओर से आई तेजी की लहर को इस बार रोक पाना नामुमकिन था।






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