मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां दो भाइयों के बीच संपत्ति विवाद ने ऐसा रूप लिया कि पिता की मौत के बाद उनके शव के भी दो हिस्से करने की मांग उठ गई। 85 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष के निधन के बाद उनके बेटे दामोदर सिंह और किशन सिंह अंतिम संस्कार को लेकर आमने-सामने आ गए। संपत्ति को लेकर मनमुटाव इतना गहरा था कि दोनों ही अपने-अपने तरीके से अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए। विवाद बढ़ते-बढ़ते इस हद तक पहुंच गया कि एक बेटे ने शव को दो हिस्सों में बांटने और अलग-अलग दाह संस्कार करने का प्रस्ताव रख दिया। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और हर किसी ने इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा की।
गांव में बढ़ते तनाव को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। प्रशासन ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की, लेकिन मामला सुलझने की बजाय और उलझता गया। दामोदर सिंह, जो अपने बीमार पिता की देखभाल कर रहा था, अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था, तभी किशन सिंह अपने परिवार के साथ पहुंचा और संस्कार करने का अधिकार मांगा। बहस इतनी बढ़ गई कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। आखिरकार, पुलिस और प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और ग्रामीणों की मौजूदगी में एक समाधान निकाला। प्रशासन की निगरानी में पिता का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया कि संपत्ति की भूख इंसान को कहां तक गिरा सकती है।
जैसे ही इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग जमकर भाइयों को कोसने लगे। एक यूजर ने लिखा, “देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान।” वहीं, एक अन्य ने तंज कसते हुए कहा, “पिता भी ऐसी औलाद पैदा करके शर्म से दोबारा मर रहा होगा।” किसी ने लिखा, “वो तुम्हारे पिता थे, कोई संपत्ति नहीं जिसे तुम टुकड़ों में बांट रहे हो।” इस घटना ने समाज में बढ़ते लालच और संवेदनहीनता की भयावह तस्वीर पेश की है। सवाल उठता है कि क्या संपत्ति की होड़ में इंसानियत इतनी मर चुकी है कि अपनों के जाने के बाद भी उनकी आत्मा को शांति नहीं दी जा सकती?