सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में एक नया प्रयोग हुआ है, जिसकी चर्चा तो हर जगह है, लेकिन सोशल मीडिया में इस मामले को पर्याप्त जगह नहीं मिली है, कल जवा जनपद अध्यक्ष रेणू पांडे के पति और सेवानिवृत्त पुलिसअधिकारी वी डी पांडे ने एक कार्यक्रम में अपनी ताकत दिखाते हुए बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया, और आगामी विधानसभा चुनाव हाथी पर सवार होकर लड़ने का ऐलान कर दिया, इसके पहले उन्होंने जवा जनपद में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपनी पत्नी को जनपद अध्यक्ष बनाया है, तभी से ये कयास लगाये जा रहे थे कि आने वाले समय में वी डी पांडे जी कॉंग्रेस पार्टी में शामिल होकर अगला चुनाव लड़ेंगे, और आम जनता भी मान रही थी कि यदि कॉंग्रेस पार्टी पांडे जी को अपना उम्मीदवार बनाती है, तो भाजपा और कांग्रेस में अच्छा संघर्ष होगा, क्योंकि पांडे जी रिटायर होने के बाद, लगातार सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते आ रहे हैं. और खूब पैसा भी खर्च कर रहे हैं, जैसे नवरात्रि में सैकड़ों की संख्या में निशुल्क मूर्ति बाटना, गरीबों को शादी में डालडाॅ और शक्कर की मदद करना आदि, अपने इन प्रयासों से पांडे जी चर्चा में तो आ गए हैं. अब चूंकि पांडे जी बहुजन में आ गए हैं इसलिए सिरमौर क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होगा, क्योंकि कॉंग्रेस के पास भी अपना एक वोटबैंक है, और यदि पांडे जी कॉंग्रेस पार्टी में शामिल होते तो फिर सीधी लड़ाई कॉंग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच होती, इसलिए लोग ये मान रहे हैं कि कॉंग्रेस पार्टी ने पांडे जी की उपेक्षा कर ग़लती कर दिया, वैसे भाजपा की नजर से यदि देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी का 80%वोटबैंक भाजपा की तरफ़ जा चुका है, और ये लाडली बहना जैसी योजना के कारण भाजपा अपने आप को सुरक्षित स्थान पर मान रही है, वैसे सिरमौर सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है और यदि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को साधने में सफल रहती है तो फिर पलडा भाजपा का भारी होगा, और यदि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी के साथ विश्वासघात किया, तो फिर भाजपा के लिए मुश्किल हो सकता है.
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