मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल से अभिनय और कला में डिप्लोमा प्राप्त विजय कुमार तिवारी द्वारा रंग श्रीनाट्य समिति रीवा के तत्वाधान में कोल जनजाति के बीच पहुंचकर 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जवा तहसील के ग्राम पंचायत देवखर अंतर्गत आदिवासी वस्ती सकरगइला में किया जा रहा है। कार्यशाला का उद्देश्य कोल जनजाति के देवता दुल्ला देव और दानव बाबा काली नृत्य पर ये 15दिवशीय कार्यशाला मुख्य रूप से केंद्रित रहेगी। इस नाट्य कार्यशाला में कोल जनजाति के देव पर गायन नृत्य इनके वाद्य यंत्र पोशाक तथा देव के उद्गम स्थल पर बात कर जानकारी भी जुटाई जा रही है। रंग श्री नाट्य समिति रीवा द्वारा आयोजित कार्यशाला में इन्हीं जनजातियों की कहानियों पर इस कार्यशाला के उपरांत एक नाट्य प्रस्तुति तैयार की जावेगी। ताकी विलुप्त हो रही कोल जनजाति की कला को पुनः से जीवित किया जा सके। कोल जनजाति की जनसंख्या सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 2011 की जनगणना अनुसार 11 लाख 67 हजार है ।यह जनजाति सबसे ज्यादा रीवा ,सतना, सीधी में निवासरत है रंग श्रीनाट्य समिति रीवा के अध्यक्ष नीरज द्विवेदी तथा सचिव विजय तिवारी ने बताया कि लोक कला पर आधारित पांच दिवसीय नाट्य उत्सव का आयोजन भी अपने तराई क्षेत्र जवा में होगा जिसमें भारतीय लोक नाट्य कला की प्रस्तुति की जायेगी।
Home विन्ध्य प्रदेश Rewa SIRMOUR आदिवासी लोक कला कोल जनजाति पर शोध और 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला (सकरगइला) देवखर में