विंध्य में भ्रष्टाचार का ‘घुन’: जब रक्षक ही बन जाएं भक्षक
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में राजस्व विभाग भ्रष्टाचार के जाल में फंसा है। लोकायुक्त की निरंतर कार्रवाइयों के बावजूद, राजनीतिक संरक्षण और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के कारण पटवारियों द्वारा रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मध्य प्रदेश, विशेषकर विंध्य क्षेत्र (सीधी, रीवा, सतना) में राजस्व विभाग का भ्रष्टाचार अब केवल एक प्रशासनिक खामी नहीं, बल्कि एक गहरा ‘सिस्टम’ बन चुका है। यहाँ एक आम नागरिक के लिए अपनी ही जमीन का सीमांकन या नामांतरण करवाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। लोकायुक्त की टीम द्वारा लगभग हर सप्ताह किसी न किसी पटवारी को रंगे हाथों (Red Handed) रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा रहा है, फिर भी यह समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
सैनिक के अपमान से गहराया आक्रोश
ताज़ा मामला सीधी जिले के पड़रा (ग्राम पंचायत) का है, जहाँ देश की सीमा पर तैनात एक भारतीय सेना के जवान, जगदीश प्रसाद पांडेय के साथ भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरोप है कि हल्का पटवारी दीपक शुक्ला द्वारा जमीन के टैजेशन (नाप-जोख) के बदले ₹5 लाख की अवैध रिश्वत की मांग की गई। तहसीलदार के स्पष्ट आदेश और सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा के लिखित निर्देश के बावजूद, महीनों से यह कार्य प्रशासनिक फाइलों में अटका हुआ है।
विंध्य में भ्रष्टाचार के बढ़ते ग्राफ के मुख्य कारण
विजिलेंस और लोकायुक्त की सक्रियता के बावजूद भ्रष्टाचार बढ़ने के पीछे कई गंभीर कारण हैं:
- राजनीतिक संरक्षण (Political Backing): जमीनी स्तर पर काम करने वाले राजस्व कर्मचारी अक्सर स्थानीय नेताओं के ‘वसूली एजेंट’ के रूप में काम करते हैं। पकड़े जाने पर भी राजनीतिक दबाव के कारण कठोर विभागीय कार्रवाई से बच जाते हैं।
- ऊपरी स्तर की मिलीभगत (High-Level Nexus): भ्रष्टाचार की यह चेन केवल पटवारी तक सीमित नहीं है। कथित तौर पर इस अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा उच्चाधिकारियों तक पहुँचता है, जो भ्रष्ट कर्मचारियों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
- जटिल राजस्व प्रक्रिया: किसानों और ग्रामीणों की अज्ञानता का फायदा उठाकर प्रक्रिया को जानबूझकर इतना जटिल बनाया जाता है कि वे अंततः रिश्वत देने को मजबूर हो जाएं।
विवर तिवारी की चेतावनी: निर्णायक संघर्ष की तैयारी
इस गंभीर मुद्दे पर राष्ट्रीय सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवर तिवारी ने शासन-प्रशासन को सीधी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि “जो जवान सीमा पर देश की रक्षा कर रहा है, यदि उसी से रिश्वत मांगी जाए तो यह पूरे तंत्र के लिए शर्मनाक है।” तिवारी ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो पूरे मध्य प्रदेश, विशेषकर विंध्य क्षेत्र में एक बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपके अधिकार: क्या करें?
यदि आपसे भी किसी काम के बदले रिश्वत मांगी जाती है, तो आप इन माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं:
- लोकायुक्त हेल्पलाइन (MP): भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे लोकायुक्त कार्यालय में करें।
- CM Helpline 181: अपनी शिकायत दर्ज कर उसका ट्रैकिंग नंबर लें।
- RTI का उपयोग: फाइल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए सूचना के अधिकार का प्रयोग करें।
विंध्य की धरती पर भ्रष्टाचार का यह खेल अब जनता के सब्र का बांध तोड़ रहा है। विवर तिवारी जैसे युवा नेतृत्व का इस लड़ाई में उतरना यह संकेत देता है कि अब प्रशासन को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी, वरना ‘सत्ता और भ्रष्टाचार’ के इस गठजोड़ को उखाड़ने के लिए जनता सड़क पर उतरने को तैयार है।
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