Wednesday, February 5, 2025

Shiv Ji Aarti : ॐ जय शिव ओंकारा

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा ॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा ॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥

- Advertisement -
For You

आपका विचार ?

Live

How is my site?

This poll is for your feedback that matter to us

  • 75% 3 Vote
  • 25% 1 Vote
  • 0%
  • 0%
4 Votes . Left
Via WP Poll & Voting Contest Maker
Latest news
Live Scores