प्रदेश सरकार भले ही कर्मचारियों के लिए योजना बना ले पर शासकीय कार्यालयों में आज भी कोरोना काल से कार्य कर रहे मस्टर कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग में डालकर शोषण किया जा रहा है जहां नौकरी के लिए लोग पढ़ाई करते है पर नगरपरिषद बकहो में पढ़ाई का कोई मायना नहीं राजनीति के चलते आज नगरपरिषद बकहो में पूर्व में कार्य कर रहे मस्टर कर्मचारियों को ठेके में डाल शोषण किया जा रहा है वहीं नगरपरिषद बकहो में आज दो महीने से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पेमेंट नहीं दिया गया आखिरकार कौन है इसके पीछे.
विवादों की घेरे में रहने वाली नगर परिषद बकहो अपने कारनामों के कारण जिले से लेकर प्रदेश तक चर्चे में है जिसने कोरोना काल में काम किया उन्हें ही नेताओं ने मिलकर ठेके में डाल दिया और अब शोषण किया जा रहा वहीं मुख्य नगरपरिषद अधिकारी शिव कुमार धुर्वे अपने तानाशाही रवैया के कारण चर्चे में है वहीं नगरपरिषद के कर्मचारियों ने आउटसोर्सिंग खत्म करने के लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाई है पूर्व कलेक्टर वंदना वैध ने नगरपालिका नगरपरिषद के अधिकारियों को समय पर कर्मचारियों के पेमेंट कराने के निर्देश दिए थे पर नगरपरिषद बकहो सी.एम.ओ अपने तानाशाही रवैया के कारण दो महीने से कर्मचारियों के पेमेंट नहीं दिला सके.
वहीं नगरपरिषद कर्मचारी एक जुट होकर न्याय की गुहार लगाई है नगरपरिषद बकहो के पार्षदों ने सी.एम.ओ वा अध्यक्ष के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है वहीं जब मीडिया ने सी.एम.ओ शिव प्रसाद धुर्वे से बात करना चाही तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया वा फोन काट दिए। शहडोल जुगुल किशोर मिश्रा
Shahdol News: नगरपरिषद बकहो में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का हो रहा शोषण कर्मचारियों को दो महीने से नहीं मिला वेतन
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