सिंगरौली में महिला कर्मचारी ने जिस एसडीएम के लेस बांधे उसे सीएम डॉ. मोहन यादव ने हटा दिया है। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘सिंगरौली जिले के चितरंगी में एसडीएम द्वारा एक महिला से उनके जूते के फीते बंधवाने का मामला सामने आया है, जो अत्यंत निंदनीय है। इस घटनाक्रम को लेकर एसडीएम को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। हमारी सरकार में नारी सम्मान सर्वोपरि है।’
इसके बाद भोपाल में एक कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- गनीमत है कि एसडीएम को सिर्फ हटाया, सस्पेंड नहीं किया। बीमार हैं तो छुट्टी पर चले जाते, किसने रोका है।
22 जनवरी को जिले के चितरंगी में मंदिर के बाहर एक महिला कर्मचारी एसडीएम असवन राम चिरावन के जूते की लेस बांधते नजर आई थी। वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बना लिया। इसके फोटो भी सामने आए हैं। एसडीएम असवन राम चिरावन ने बताया कि महिला कर्मचारी उनकी मदद कर रही थी। महिला कर्मचारी ने भी कहा कि जूते की लेस उन्होंने अपनी स्वेच्छा से बांधी। असवन राम की जगह माईकेल तिर्की को चितरंगी एसडीएम बनाया गया है।
SDM बोले- महिला कर्मचारी को आदेश नहीं दिए थे
एसडीएम असवन राम चिरावन से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था- 30 दिसंबर को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला एनएच 39 के निर्माण कार्यों की स्थिति जानने के लिए चितरंगी आए थे। प्रोटोकॉल के अनुसार, मैं भी मौजूद था। यहां ब्रिज के निरीक्षण के दौरान मेरा पैर एक एंगल में फंस गया। इससे बायां पैर फ्रैक्चर हो गया। मुझे चलने, झुकने और अन्य कार्य करने में तकलीफ हो रही थी।
22 जनवरी को राज्यमंत्री राधा सिंह हनुमान मंदिर में दर्शन करने आई थीं। वहां मैं भी मौजूद था। पैर में फ्रैक्चर के कारण मंदिर के बाहर जूते पहनने में परेशानी हो रही थी। ये देख वहां मौजूद निर्मला देवी ने जूते की लेस बांधने में मेरी मदद की। मैंने उन्हें ऐसा करने के आदेश नहीं दिए थे।
निर्मला देवी ने कहा- मुझ पर कोई दबाव नहीं बनाया
निर्मला देवी ने कहा, एसडीएम साहब के पैर में चोट लगने के कारण वो लेस बांधने में असमर्थ थे, इसलिए मैं अपनी मर्जी से उनके पास गई और उनकी मदद की। इसके लिए उन्होंने मुझ पर कोई दबाव नहीं बनाया था।