जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार तड़के बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस घटना के बाद मूसलधार बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने जगह-जगह तबाही मचाई। अब तक इस भीषण आपदा में 5 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 3 की मौत सीरी बगना गांव में बादल फटने के कारण हुई। 24 घंटे के भीतर ही स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए सेना की मदद ली। भारतीय सेना की आठ टुकड़ियां फिलहाल राहत कार्यों में जुटी हुई हैं, और राहत की क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) फंसे हुए यात्रियों को मेडिकल सहायता, खाना और शेल्टर प्रदान कर रही हैं।
रामबन में मूसलधार बारिश के साथ बाढ़ और भूस्खलन के कारण 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया। इस मार्ग से ही कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाता है, और अब यह रास्ता सैकड़ों वाहनों के फंसे होने से जाम हो गया है। बर्फीली पहाड़ियों से गिरते मलबे ने सड़क मार्ग को बंद कर दिया, जिससे लोगों को बाहर निकलने में भारी मुश्किलें आ रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग को खोलने में 48 घंटे तक का समय लग सकता है।
रामबन के सीरी बगना गांव में बादल फटने से मकानों, दुकानों और सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ है। 12 साल के आकिब अहमद और उसके छोटे भाई मोहम्मद साकिब के अलावा उनके पड़ोसी मुनी राम की मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में चीख-पुकार मच गई। गांव के निवासी ने बताया कि जब उन्हें मलबे के नीचे दबे बच्चों को बाहर निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। धारमकुंड गांव में भी बाढ़ ने 40 घरों को नुकसान पहुंचाया, जिसमें 10 घर पूरी तरह से तबाह हो गए। राहत कार्यों के लिए पुलिसकर्मियों ने 100 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
रामबन जिले में लगातार बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया है। शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने एहतियातन यह कदम उठाने की जानकारी दी। रियासी जिले में भी आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है। लगातार हो रही बारिश ने पूरे इलाके में तबाही मचाई है और यह स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपने का वादा किया।
इस आपदा के बीच केंद्र सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह ने रामबन प्रशासन के त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो सांसद निधि से भी मदद दी जाएगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की है, ताकि इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।





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