क्या आपको बार-बार थकान महसूस होती है? पेट के दाईं तरफ भारीपन लगता है या खाना पचता नहीं? हो सकता है कि आपका लिवर खतरे में हो… और आपको खुद ही पता न हो। फैटी लिवर – ये शब्द जितना साधारण लगता है, इसका असर उतना ही गहरा और घातक हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में फैटी लिवर की बीमारी भारत के करोड़ों लोगों के जीवन में चुपचाप प्रवेश कर चुकी है। डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर इसे समय रहते रोका न गया, तो ये सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसे जानलेवा स्टेज तक पहुंच सकता है। लेकिन क्या इसका कोई आसान और घरेलू उपाय है? इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि सिर्फ दो हफ्तों में ही कैसे कुछ साधारण लेकिन शक्तिशाली ड्रिंक्स आपकी लिवर की सेहत को सुधार सकते हैं।
फैटी लिवर से निजात दिलाने में क्रैनबेरी जूस एक रामबाण उपाय माना जा रहा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और फैट को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी वाला दूध, जो भारतीय रसोई का पारंपरिक हिस्सा है, उसमें मौजूद ‘करक्यूमिन’ लिवर की सूजन कम करके उसे मजबूती प्रदान करता है। ये सिर्फ एक घरेलू नुस्खा नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक विज्ञान का सटीक समाधान है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये दोनों ड्रिंक्स अगर रोजाना रात में लिए जाएं तो कुछ ही दिनों में लिवर में सुधार दिखने लगता है।
चुकंदर और गाजर के जूस को सुपरफूड्स कहा जाता है। इनमें मौजूद बीटा कैरोटीन और नाइट्रेट्स लिवर की गहराई से सफाई करते हैं और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं। नींबू पानी, जो हर भारतीय घर में आसानी से उपलब्ध है, उसमें मौजूद विटामिन C और डिटॉक्सिफाइंग तत्व लिवर की सफाई करके उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। सुबह खाली पेट इसका सेवन लिवर के लिए किसी चमत्कारी औषधि से कम नहीं।
अजवाइन पानी सदियों से पाचन को सुधारने और पेट के विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है। लेकिन अब चिकित्सा जगत भी मान रहा है कि ये लिवर को साफ करने और उसमें जमा फैट को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। वहीं, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन्स और पॉलीफेनॉल्स न केवल मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं, बल्कि लिवर को सक्रिय करके फैटी लिवर की प्रक्रिया को रिवर्स भी करते हैं। अगर आप नियमित रूप से दिन में दो बार ग्रीन टी का सेवन करते हैं, तो आपके लिवर को एक नई ऊर्जा मिल सकती है।






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