महाराष्ट्र : ब्रह्मपुरी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की नृशंस हत्या कर दी। मुस्कान नाम की इस महिला ने अपनी शादीशुदा जिंदगी से आज़ादी पाने के लिए वह खौफनाक साजिश रची, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए। पांच साल की मासूम बच्ची पीहू के कारण पति सौरभ ने तलाक देने से इनकार कर दिया, लेकिन मुस्कान को यह नामंजूर था। उसने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतारने का फैसला किया। जिस इंसान ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसकी पत्नी ही उसकी जान की दुश्मन बन जाएगी, वह दर्दनाक मौत मारा गया।
हत्या की रात मुस्कान ने पहले अपने पति के हाथ पकड़ लिए और साहिल ने बेरहमी से चाकू से उसके सीने पर वार किए। सौरभ दर्द से तड़पता हुआ चिल्लाया— “मुझे मत मारो, मैं तलाक दे दूंगा”— लेकिन हैवानियत की हदें पार कर चुके इन प्रेमियों पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने लगातार वार किए और सौरभ की हत्या कर दी। इसके बाद शुरू हुआ इस निर्मम कत्ल को छुपाने का खौफनाक खेल।
हत्या के बाद दोनों ने नशे में धुत होकर सिगरेट में ड्रग्स मिलाकर पी और सौरभ के शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इन टुकड़ों को प्लास्टिक के ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया, ताकि किसी को भी लाश का सुराग न मिले। अगले ही दिन, मुस्कान और साहिल ने नॉर्मल जिंदगी जीने का नाटक किया और घर में आराम से सो गए। इस दौरान मासूम पीहू दूसरे कमरे में सो रही थी, जिसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि उसकी मां ने ही उसके पिता को मौत के घाट उतार दिया है।
पहले से रची गई थी साजिश, कत्ल के लिए जुटाया गया था सामान
यह कोई आवेश में आकर किया गया मर्डर नहीं था, बल्कि इसके पीछे गहरी साजिश थी। 28 जनवरी को बेटी पीहू के जन्मदिन के बाद मुस्कान ने अपने पति से तलाक मांगा था, लेकिन जब सौरभ ने इसे नामंजूर कर दिया, तो उसने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच दी। इसके लिए उन्होंने पहले से ही कबाड़ी बाजार से एक बड़ा प्लास्टिक का ड्रम खरीदा और झंडा चौक से सीमेंट का बैग लाया। हत्या की रात, जब सौरभ ने ड्रम के बारे में पूछा, तो मुस्कान ने बहाना बना दिया कि वह आटा रखने के लिए खरीदा गया है। लेकिन सच यह था कि यह ड्रम उसी की लाश को छुपाने के लिए लाया गया था।
हत्या के कुछ दिनों बाद, पुलिस को इस खौफनाक कत्ल की खबर मिली। जब मुस्कान और साहिल की निशानदेही पर पुलिस उनके घर पहुंची, तो वहां का नज़ारा बेहद डरावना था। पुलिस ने घर से वह प्लास्टिक का ड्रम बरामद किया, जिसमें सौरभ का शव सीमेंट में दबा हुआ था। जब ड्रम को ड्रिल मशीन से काटने की कोशिश की गई, तो सीमेंट इतना सख्त हो गया था कि वह कट ही नहीं पा रहा था। आखिरकार, पुलिस को ड्रम को पोस्टमार्टम हाउस ले जाना पड़ा, जहां दो ड्रिल मशीनों की मदद से शव को बाहर निकाला गया।
जैसे ही यह खबर फैली, सौरभ के परिवार और रिश्तेदारों में गुस्से की लहर दौड़ गई। वे ब्रह्मपुरी थाने पहुंचे और आरोपियों को उनके हवाले करने की मांग करने लगे। उनका कहना था कि अगर कानूनी प्रक्रिया में फैसला आने में देर हुई, तो शायद इंसाफ अधूरा रह जाएगा। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने तत्काल मुस्कान और साहिल को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।
सौरभ का परिवार इस निर्मम हत्या के बाद पूरी तरह टूट गया है। उसके पिता मुन्ना लाल, मां रेनू, भाई बबलू और बहन शिवानी को अब तक इस बात पर यकीन नहीं हो रहा कि जिस मुस्कान को सौरभ ने प्यार किया, उसी ने उसके साथ ऐसा किया। उसकी मां रोते हुए कहती हैं— “मोहब्बत में लोग एक-दूसरे के लिए जान देते हैं, लेकिन मुस्कान ने तो मोहब्बत के नाम को ही बदनाम कर दिया।”
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि विश्वासघात की ऐसी कहानी है, जो हर किसी के लिए एक चेतावनी है। जब प्रेम अंधा हो जाए और लालच उसमें घुल जाए, तो उसका अंजाम इतना खतरनाक हो सकता है।