मैहर मां शारदा देवी मंदिर में आगामी नवरात्रि मेला व्यवस्था के मद्देनजर हुई बैठक में श्रद्धालुओं और सुविधाओं में खामियों एवं प्रस्तावों में अनियमितताओं को लेकर माँ शारदा देवी मंदिर समिति के सदस्य हुए तल्ख समिति के अध्यक्ष /कलेक्टर महोदय के समक्ष समिति में बाइलॉज की अनदेखी एवं मनमाना कार्यवाहियों का किया विरोध साथ ही समिति सदस्य ने रोपवे के पक्ष में समिति द्वारा किराया वृद्धि के निर्णय को दुसित कार्यवाही बताया और बताया कि रोपवे के अनुबंध की शर्तों के बाहर निजी कंपनी को लाभ पहुचाने लिया गया निर्णय श्रद्धालु हितों में अतिक्रमण है, समिति में होने वाले कार्यवाहियां दूषित तथा निजी लाभों के लिए लिए जाने वाले अवैद्ध निर्णयों से भरी पड़ी है, समिति के वर्तमान प्रशासक द्वारा समिति कर्मचारियो को प्रभाव में लेकर फ़र्ज़ी प्रस्तावो को अमलीजामा पहनाया जाता है जिससे मंदिर तथा श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं में बदयान्ति हो रही है समिति सदस्य व समिति अध्यक्ष के मध्य तीखी नोक झोंक की भी खबर, समिति सदस्य तरकेस्वर तिवारी के विरोध का असर ये हुआ कि समिति द्वारा रखे गए किसी भी प्रस्ताव में कोई अनुषांगिक चर्चा नही हो पाई वही श्री तारकेश्वर तिवारी ने बताया कि समिति के कर सलाहकार विजय गंगवानी ने बताया कि मेला बैठक पहले ही सतना में हो चुकी है, आज केवल फॉर्मल बैठक थी, समिति सदस्य तारकेश्वर तिवारी ने बताया कि आज की बैठक में रखे गए प्रस्ताव एजेंडा में बिना प्रशासक के हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज मीटिंग में उपस्थित सदस्यों को सौंपे गए साथ ही समिति में पूर्व में खेले गए खेल को दोहराया गया, समिति तथा प्रशासक द्वारा लगातार शासन के द्वारा निर्मित मंदिर संविधान की अनदेखी करना तथा शासन तथा माननीय उच्च न्यायालयों की अनदेखी तथा शासन के माननीय मंत्री महोदय के आदेशों की अनदेखी करना कोई नया मामला नही है पूर्व में शासन मध्यप्रदेश के आदेश की अवहेलना करते हुए समिति के आर्थिक हित के दोषी रहे शैलेन्द्र सिंह उपयंत्री को हटाने के आदेश में प्रस्ताव के माध्यम से शासन के आदेश को समिति द्वारा नकारा जा चुका है और आज की बैठक में पुनः शासन धर्मार्थ धर्मस्व विभाग के आदेश पत्र क्रमांक 5238 दिनांक 16.10.2022 में गैर हिन्दू धर्म को मानने वाले आबिद हुसैन को समिति से हटाने के आदेश को धता बताने प्रस्ताव क्रमांक 13 रखा गया जिस पर चर्चा के दौरान आबिद को अनुविभागीय कार्यालय सम्बद्ध करने की चर्चा हुई तथा तनख्वा का भुगतान समिति से होना तय किये जाने की चर्चा हुई जबकि आबिद को पूर्ण रूप से पद से हटाने के आदेश है तथा शासन के आदेश समिति के लिए बंधन कारी है व समिति को किसी भी कार्यवाही में शासन के आदेश में कोई भी टिका टिपणी करने या आदेश में अधिकार रहित जवाब देना या आदेश को प्रस्ताव में माध्यम से बंद करने का कोई भी अधिकार प्राप्त नही है, अन्य प्रस्तावों में समिति के कर्मचारियो के लिए रखे गए प्रस्ताव विचरण योग्य नही है, श्री तारकेश्वर तिवारी ने बताया कि किसी भी प्रकार से सदस्य को सुनना या उसके प्रस्ताव पर चर्चा करने से अध्यक्ष एवं प्रशासक बचते नजर आरहे है व मनमाना तरीके से निजी हितों के हितबद्ध मंदिर की व्यवस्था को दूषित किये हुए है.