सतना जिले के जनपद पंचायत उचेहरा अंतर्गत है ग्राम पंचायत आलमपुर मैं 6 फरवरी को हर वर्ष मेला लगाया जाता है यह मेला गोंड महासभा का अध्यक्ष कमल सिंह मरकाम के द्वारा ही लगवाया जाता है और हर वर्ष जनजागृति आयोजन का कार्यक्रम किया जाता है आदिवासी समाज को जगाने के लिए आदिवासी समाज को उभारने के लिए आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए आदिवासी समाज को शिक्षक बनने के लिए संगठित रहने के लिए संघर्ष करने के लिए आदिवासी जागृति का कार्यक्रम रखा गया और वह इस वर्ष 6 फरवरी को महामहिम राष्ट्रपति महोदय महामहिम राज्यपाल महोदय सरकार नई दिल्ली एवं मुख्यमंत्री महोदय मध्य प्रदेश शासन भोपाल के नाम ज्ञापन सौंपे हैं कि उपरोक्त विषय में जो बिनाई जिले के पर्स मनिया पठार आदिवासी बाहुल्य 16 ग्राम पंचायत के पचासी ग्रामों में बसा है तथा यहां के आदिवासी समुदाय वनों पर आश्रित है जिनका जीवन यापन वनों से प्राप्त हेलो जैसे महुआ जूली गोंड आदि तथा पशुओं पर चढ़ने वह चलाओ लकड़ी से आदिवासी परिवार का जीवन यापन भरण पोषण होता है हाल ही में अखबारों से प्रकाशित खबरों से पता चला कि इस क्षेत्र में वन अभ्यारण सेंचुरी बनाया जाना है जिससे सैकड़ों लोगों के सामने चिंता का विषय बना हुआ है तथा आज दिनांक 6 2022 को हजारों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर जनसभा कर मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है
ऐसा ही हाल ही में जो पिछले विधानसभा उपचुनाव हुए थे भाजपा नेताओं के द्वारा माननीय शिवराज मामा के द्वारा लंबी लंबी घोषणाएं की गई थी बड़ी-बड़ी देंगे मारी गई थी और पत्र दिया गया था कि रानी दुर्गावती प्रतिमाह मैहर की देवी जी में बनाएंगे और वह शिलान्यास किया गया था आज तक नहीं बनाया गाय 10000000 रुपए आया था रानी दुर्गावती के लिए बनाने के लिए लेकिन आज तक भी शिलान्यास को नहीं ओपन किया गया नहीं बनाया गया ऐसे में भाजपा सरकार को आदिवासी समाज ने भरी हुंकार हुंकार भरते हुए कहा कि अब यह आदिवासियों पर जल जंगल जमीन बचाना है तो अभी अपना आदिवासी सीएम बनाना जरूरी है और वह सतना जिले में विधायक लाना जरूरी है शिवराज मामा की कुर्सी हाला देगा अब यह आदिवासी समाज sc.st.obc बहुत हो गई है महगाई की मार बहुत हो गई अब अत्याचारों की मां अब नहीं सहेगा आदिवासी समाज मामा तेरे राज में बहुत हो गया अत्याचार आदिवासी समाज विधायक से लेकर संसद और सीएम जरूरी है मध्यप्रदेश के धरती कह रही है क्या हरिजन आदिवासी के लिए अब sc-st मुख्यमंत्री जरूरी है क्योंकि यह जल जंगल जमीन sc-st की है और यह भाजपा सरकार जुल्म पर जुल्म ढाए जा रही है आइए देखते हैं मांग पत्र क्या है बच्चों के हाथों से सौंपा गया ज्ञापन
(1) आदिवासी बहुल क्षेत्र ।है परस्मानिया पठार में वन अभ्यारण सेंचुरी बनाए जाने हेतु प्रस्ताव को रोका जाए
(2) क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार काफी कमजोर है कई विद्यालय शिक्षक विहीन है ज्यादा से ज्यादा शिक्षा पर जोर दिया जाए
(3,) आदिवासी बहुल क्षेत्र में कुटीर उद्योग की स्थापना कराई जाए जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके तथा पलायन रोका जाए
(4,) बरगी नहर को कटनी होते हुए शाह नगर कल्दा पठार व परस्मानिया पठार तथा मजगामा पठार को सिंचाई करने की परियोजना तैयार किया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्र का विकास हो
(5) परस्मानिया पठार में प्राइवेट सोसायटी खाद्यान्न को प्रतिबंध लगाते हुए आदिवासी समूह के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण कराई जाए जिस शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ गरीब आदिवासी को मिल सके प्राइवेट सोसायटी के द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है
(6,) परस्मानिया पठार एवं कल्दा का पठार एवं कल्दा पठार का संपूर्ण बाजार से मैहर से होता है तथा आने जाने का एक मात्र रास्ता देवी जी धाम मैहर से होता है तथा नवरात्रि मेला के समय लोगों के आवागमन में भारी रुकावट होती है तथा कोई भी मरीज वा गर्भवती माताओं का अस्पताल में पहुंचने से भारी समस्या होती है अलग रास्ता का निर्माण कराया जाए
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