Sanatan Dharma: शनिवार को क्यों करें शनिदेव की पूजा? जानें इसके नियम और लाभ। 

0
1
shanidev
shanidev

शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए जानिए, शनिवारी व्रत और पूजा की सही विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का संबंध एक विशेष देवी-देवता से है, और शनिवार का दिन न्याय और कर्म के देवता शनिदेव को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करता है, उसे जीवन में कई शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। भोपाल के ज्योतिष और वास्तु सलाहकार, पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, शनिदेव की पूजा के कुछ खास नियमों को साझा कर रहे हैं, जो शनिदेव की कृपा पाने में सहायक होते हैं।

शनिवार के व्रत की शुरुआत एक दिन पहले से ही करनी चाहिए, जिसमें मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का त्याग करना आवश्यक माना गया है। शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर, शनिदेव के समक्ष व्रत और पूजा का संकल्प लें। पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और सात परिक्रमा लगाएं, इस दौरान पीपल के पेड़ में कच्चा सूत लपेटना भी शुभ माना गया है। पूजा के दौरान, शुद्ध मन, वचन और कर्म से भगवान शनिदेव की स्तुति करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

शनिवार के दिन लोहे से बनी शनिदेव की प्रतिमा की पूजा करें, साथ ही काले तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र अर्पित करें, जो शनिदेव को प्रिय मानी जाती हैं। इस दिन कंबल का दान करना भी शुभ माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन शनिदेव के मंत्रों का जाप करता है, उसे शनि की पीड़ा से राहत मिलती है। शनिवार के दिन स्नान के पानी में लाल चंदन डालकर स्नान करना भी लाभकारी माना गया है। व्रत करने वाले व्यक्ति को अगले दिन पूजा के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए, जिससे शनिदेव की कृपा प्राप्त हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here