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Friday, November 15, 2024

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Rewa News: MP की शिक्षा व्‍यवस्‍था की पोल खोल रहा महाविद्यालय प्रबंधन

प्रशासन का गणित’ नकल माफियाओं के आगे फेल, स्नातक-परास्नातक परीक्षा हुई नकल की शिकार

रीवा
जिले में इन दिनों स्नातक एवं परास्नातक की परीक्षाएं हो रही है।परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने अवधेश प्रताप सिंह विश्विद्यालय रीवा के प्रबंधन द्वारा शासकीय महाविद्यालयों के परीक्षा केंद्र को तोड़कर सफेदपोश नेताओ के निजी महाविद्यालयो को परीक्षा केंद्र बनाया गया है।जहाँ शिक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए महाविद्यालय प्रबंधन छात्र-छात्राओं से नकल कराने के एवज मोटी रकम वसूल कर प्रशाशन एवं विश्विद्यालय प्रबन्धन दोनो को खुली चेतावनी दे रहे है।

ऐसा ही मामला जिले के त्योंथर चाकघाट सोहागी में संचालित महाविद्यालयो में स्नातक एवं परास्नातक के छात्र-छात्राएं परीक्षा देने आते है।जिन्हें नकल माफियाओं द्वारा अच्छे प्रतिशत से परीक्षा उत्तीर्ण करने का लालच देकर छात्रों से पैसे ऐंठ रहे है।
कालेज में परीक्षा दे रहे कई छात्रों ने नाम उजगार न करने की शर्त पर बताया कि इन प्राइवेट कालेजो में धड़ल्ले से नकल कराई जा रही है। नकल माफियाओं की बल्ले-बल्ले है। शिक्षा माफिया परीक्षार्थियों के अभिभावकों से नकल के नाम पर अवैध ढंग से वसूली कर रहे हैं और परीक्षा में शुचिता को तार-तार किया जा रहा है।इसके साथ ही परीक्षा केन्द्रों में बोल-बोल कर नकल कराई जा रही है। नकल के लिए तमाम सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। केन्द्रों के बाहर अभिभावकों की खासी भीड़ जमा रहती है। मौका पाते ही परीक्षा केन्द्रों में जुगाड़ लगाकर अवैध सामग्री परीक्षार्थी तक पहुंचा रहे हैं। इसके लिए वह परीक्षा केन्द्र की खिड़कियों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। यहीं नहीं नकल के ठेकेदारों पर परीक्षार्थियों के अभिभावकों से नकल के नाम पर 1500 रुपये राशि की अवैध वसूली कर रहे हैं। परीक्षा केन्द्र के भीतर सुविधा शुल्क देने वाले परीक्षार्थियों के विशेष व्यवस्था की जा रही है।

कक्ष निरीक्षक परीक्षार्थियों को बोलकर नकल करा रहे हैं। यहीं नहीं बेखौफ नकल माफिया कापियां लिखाने के लिए 10 से 15 हजार रुपए की वसूली कर रहे हैं। उड़नदस्ता दल की नजरों में धूल झोककर परीक्षा की शुचिता व्यवस्था तार-तार है।अंचल के परीक्षा केन्द्र पर नकल रोकने के लिए जो इंतजाम विश्वविद्यालय से किए गए हैं,उन्हें बेअसर करते हुए नकल माफिया अपने मंसूबे पर कामयाब हो रहे हैं,और प्रशासन व विश्विद्यालय प्रबंधन मौन धारण में लीन होकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। जबकि खबरों का भी प्रकाशन होता रहा है ।
अनुपम अनूप

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