Home विन्ध्य प्रदेश Rewa Rewa News विंध्य को बाघों से आबाद करने वाली विंध्या की मौत, बचे हैं तीन सफेद बाघ

Rewa News विंध्य को बाघों से आबाद करने वाली विंध्या की मौत, बचे हैं तीन सफेद बाघ

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रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह व्हाइट टाइगरसफारी को आबाद करने वाली विंध्या बाघिन की मौत हो गई। उसकी उम्र 16 साल थी। वह लंबे समय से बीमार चल रही थी। 

दुनिया के पहले महाराजा मार्तंड सिंह व्हाइट सफारी पार्क को आबाद करने वाली सफेद बाघिन विंध्या की कल मौत हो गई है । विन्ध्या की उम्र 16वर्ष थी। विंध्या के आने के बाद विंध्य में लंबे अरसे बाद सफेद बाघों की वापसी हुई थी। तीन अप्रैल 2016 को दुनिया का पहला व्हाइट टाइगर सफारी और जू लोकार्पित किया गया तो विंध्या यहां की पहली सफेद बाघिन थी। विंध्या की मौत से सफारी सहित पशु प्रेमियों में शोक की लहर है। सफारी और वन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला और मंत्री रामखेलावन पटेल सतना सांसद गणेश सिंह और कई वरिष्टजन ने भी सफारी पहुंचकर विंध्या को श्रद्धांजलि दी। विंध्य के मौत पर पिछड़ा वर्ग मंत्री रामखेलावन ने शोक जताया हैं।  

वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल ने बताया कि 16 वर्षीय विंध्या काफी दिनों से बीमार थी। उसका लंबे समय से इलाज चल रहा था। उसने कुछ दिन से खाना भी छोड़ दिया था। उसकी कल मंगलवार तड़के मौत हो गई। जिसके बाद सफारी में ही शाम को उसका अंतिम संस्कार किया गया। विंध्या की मौत के पूर्व सफारी में कुल पांच सफेद बाघ थे। इनमें से विंध्या समेत दो की मौत हो चुकी है। अब सिर्फ राधा नाम की सफेद बाघिन बची है। उसके दो शावक जिंदा हैं। इस प्रकार तीन सफेद बाघ ही अब सफारी में बचे हैं। 

लॉकडाउन में 5 बाघों और दो शावकों ने तोड़ा था दम
इकलौता व्हाइट टाइगर सफारी पार्क मुकुंदपुर बाघों के लिए लॉकडाउन जानलेवा साबित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान ही सफारी मे पांच बाघ और दो शावकों ने दम तोड़ा था। तब स्कूल ऑफ वाइल्ड फोरेंसिक एंड हेल्थ नाना जी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के चिकित्सकों ने बाघों के ब्लड सैपल लिए थे।जिसमे उनमें बीमारी और इंफेक्शन पाए गए थे। हालांकि, विंध्या की मौत पर विशेषज्ञों का कहना है कि वह अपनी उम्र पूरी कर चुकी थी।वह काफी बुजुर्ग और बीमार थी। इस वजह से उसकी मौत हुई है। 

सफारी में अब तक इन बाघों की हो चुकी है मौत
दुर्गा, बंधू,  देविका, दो शावक, गोपी और नकुल नाम के बाघों की मौत 2020 से अब तक अलग-अलग समय में हो चुकी है। दुर्गा और नकुल एक साथ औरंगाबाद जू से लाए गए थे। मैत्री बाग से गोपी और सोनम लाई गई थी। इसमें गोपी की मौत हो चुकी है। गोपी की मौत इन्फेक्शन की वजह से हुई थी। सोनम और अन्य बाघ ठीक है।  

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