रीवा जिले के डभौरा नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 4 के एकलव्य स्कूल के सामने नगर परिषद अध्यक्ष के गोदाम के सामने की हालत आप तस्वीर में देख सकते हैं कैसे एक गोवंश नाली में बुरी तरह से जख्मी हालत में फंसा हुआ है आखिर डभौरा में गोवंशो की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है यह बड़ा सवाल है आए दिन नगर परिषद में नवनिर्मित नालियों में गाय,बैल,बछड़ा बछिया कहीं ना कहीं नालियों में गिरते रहते हैं। क्या नगर परिषद में इन बेजुबानो का दुख दर्द पीड़ा समझने वाला कोई नहीं है स्थानीय निवासियों का कहना है कि नाली के निर्माण कार्य के उपरांत नाली का ढक्कन बीच-बीच में खुला छोड़ देने के कारण पशुओं की ऐसी दुर्दशा प्रतिदिन होती हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जो लोग जानवरों को तकलीफ में देखते हैं वो कोशिश करते हैं इनको निकालने की कुछ निकल जाते हैं। विडंबना यह है कि सूचित करने पर भी डभौरा नगर परिषद के ना कोई कर्मचारी ध्यान देते और ना ही अध्यक्ष और पार्षद की तरफ से कोई भी सहायता नहीं मिलती है। विकास विकास चिल्लाने वाले पार्टी भाजपा के अध्यक्ष दोनों हाथ से पैसा बटोरने में लगे हुए हैं लोगों का कहना है कि अध्यक्ष और उसके पति को किसी दूसरे की तकलीफ से कोई मतलब नहीं है उनको तो बस अपना जेब भरने से ही फुर्सत नहीं है नगर परिषद में क्या हो रहा है किस की दुर्दशा हो रही है इन चीजों से कोई मतलब नहीं है और ना ही नगर परिषद के कोई कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
अब सवाल यहां यह है कि गौ माताओं के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा के क्या सभी कार्यकर्ता भी सिर्फ प्रोपेगेंडा के लिए ही गौमाता की बात किया करते हैं सोशल मीडिया और राजनीतिक बहस में गौ माता के बारे में बड़े-बड़े ज्ञान देने वाले भाजपा के नेताओं को क्या हो जाता है क्या उनको नहीं दिख रहा है नगर परिषद में इन बेजुबानो की दुर्दशा क्या उनकी गौ माता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं बनती सब चुप क्यों हैं उनकी पार्टी की सरकार है उनके पार्टी का अध्यक्ष है अगर चाहे तो व्यवस्थित ढंग से नालियों के ढक्कनो को लगवा कर इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।