चर्चा से आमजन मानस में चितां की लहर हैं। क्योकि किसी स्थान का नाम बदलने से उस क्षेत्र की पहचान अस्तित्व खतरे में पड जाती हैं। नाम बदलने से क्षेत्र की जनता पर इसका बडा व्यापक असर पडेगा , आमजनमानस नोट बंदी की लाइनों को अभी भूल नही पाया हैं वर्तमान की भाजपा सरकार जनता के विकास के दावे करते थकती नही हैं। किन्तु सिरमौर भाजपा विधायक के इस चर्चित नामकरण के व्यक्तिगत महत्वकांक्षी निर्णय से क्षेत्र की जनता को अब चिन्ता सताने लगी हैं क्योकि नाम बदलते ही आमजन मानस को कई कठिनाइयों से गुजरना पडेगा जैसे-
1- क्षेत्र की जनता को अपने जरूरी कागजात जैसे जमीन के दस्तावेज , बैंक पासबुक, आधारकार्ड , राशनकार्ड , वोटर आई डी, पेनकार्ड, समग्रआईडी, वृध्दापेंशन के कागज जैसे सभी रिकार्ड वाले कागजातों में सुधार करवाना पडेगा।
2- इन महत्वपूर्ण कागजातों मे नाम सुधरवाने के लिये पूरे-पूरे दिन अपनी रोजी – रोटी व तिहाडी मजदूरी को छोडकर डभौरा में जाना पडेगा और लम्बी-लम्बी लाइनों में लगना पडेगा।
3- घर के बुजुर्ग ,बीमार, असहाय ,नागरिकों एवं महिलाओं को कागजात सुधारने के लिये लाइन में लगकर परेशान होना पडेंगा।
4-क्षेत्र की गरीब जनता को अपने तिहाडी मजदूरी को इन कागजातो को बनवाने के लिये खर्च करना पडेगा जिसका असर उनके परिवार पर पडेगा।
5- चुनावी वर्ष में सरकारी कर्मचारियों को चुनाव के कार्य के अतिरिक्त यह कार्य करना होगा
6- सरकारी मशीनरी और पैसो का दुरूपयोग होगा।
7- समस्त कार्यालयों के नामकरण पर जनता की भलाई हेतु आये सरकारी फण्ड का खर्च कर दुरूपयोग होगा।
डभौरा क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करती हैं कि आमजनमानस को दुविधा और कठिनाई में डालने वाले इस प्रकार के फैसले को लागू न कर आमजनमानस की भलाई हेतु महाविधालय, एसडीएम कार्यालय, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्वास्थ्य केन्द्र , बच्चों के मेधावी भविष्य के लिये खेल मैदान सहित जनहित के कार्य को जल्द से जल्द करने की कृपा करें।