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Friday, November 15, 2024

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Rewa News: करोड़ों रूपये के घोटाले एवम बलात्कार के आरोपी प्राचार्य को सेवा वृद्धि दिए जाने पर उठे सवाल

उप मुख्यमंत्री के गृह जिले में भाजपा की सुचिता की राजनीति पर लगा दाग, बलात्कार के आरोपी प्राचार्य के सेवावृद्धि की अवधि समाप्त होने के बावजूद नही किया गया मुक्त, सेवा वृद्धि का प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारियों की मंशा पर उठे सवाल,जांच की मांग

रीवा
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह जिले रीवा के उत्कृष्ट विद्यालय मार्तंड क्रमांक एक के प्राचार्य सुधीर बांडा को सेवानिवृत्ति उपरांत पुनर्नियुक्ति दिए जाने पर भाजपा की सुचिता की राजनीति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि उत्कृष्ट विद्यालय मार्तंड क्रमांक 1 के प्राचार्य सुधीर बांडा 31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत्ति हो गए थे। किंतु उन्हें सेवानिवृत्ति उपरांत 3 महीने की पुनर्नियुक्ति दी गई थी ,जो 31 मार्च को पूरी हो गई ।किंतु उसके बावजूद उन्हें सेवानिवृत्त ना किया जाना तथा उन्हें एक वर्ष के पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव भेजे जाने पर विभाग की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं ।गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाले आदर्श शिक्षकों को सत्र के बीच में सेवानिवृत होने पर सत्र के अंत तक पे माइंनस पेंशन की योजना के तहत सेवा वृद्धि दिए जाने का प्रावधान है । किंतु उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 के प्राचार्य सुधीर कुमार बांडा ने ऐसा कौन सा उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्य किया है , जिसके कारण विभाग के जिले एवं संभागीय कार्यालय के अधिकारियों ने उनके सेवा वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। यह कोई भी बताने को तैयार नहीं है ,ऊपर से 3 महीने की सेवा वृद्धि की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो जाने के बावजूद उन्हें सेवानिवृत्त ना करने का जिला शिक्षा अधिकारी का बयान चर्चा में है ।बताया जा रहा है की पिछली बार तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जी पी उपाध्याय ने सुधीर बांडा के तीन महीने के पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव विभाग को भेजा था ।किंतु इस बार पुनः पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भेजने से इंकार करने पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग द्वारा प्राचार्य सुधीर बांडा के एक वर्ष की पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। यदि यह बात सत्य है तो संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ही यह बता सकते हैं कि सुधीर बांडा के किन उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्यों के चलते एक वर्ष की पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है । क्या उनकी नजर में करोड़ों का भ्रष्टाचार एवम बलात्कार का आरोप उत्कृष्ट कार्य है? जिस कारण से सुधीर बांडा के एक वर्ष की पुनर्नियुक्ति का पुनः प्रस्ताव भेजा गया।

किंतु करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार एवम बलात्कार के आरोपी उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधीर बांडा को पुनर्नियुक्ति देने एवम सेवा वृद्धि की अवधि समाप्त होने के बावजूद पुनः एक वर्ष के पुनर्नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव भेजने से सरकार की सुचिता की राजनीति पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है।

गौरतलब है कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रीतम सिंह की अदालत ने प्रकरण क्रमांक 24 /2001 में सुधीर बंडा को घर में काम करने वाली नौकरानी संगीता के साथ बलपूर्वक संभोग करने पर धारा 376 के तहत दोषी पाया था।हालांकि बाद में न्यायाधीश ने अपने ही फैसले को रिकॉल कर निरस्त कर दिया था,जिससे सुधीर बांडा को आरोप से मुक्त कर दिया गया था।फिर भी शिक्षा विभाग में ऐसे गंभीर आरोप के व्यक्ति को सेवा वृद्धि दिए जाने का प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
इसके अलावा 2007 में डीपीसी के पद पर रहते हुए ओवीबी योजना के अंतर्गत क्रय की गई सामग्री में करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था और वसूली के निर्देश भी दिए गए थे। इसके अलावा पिछले वर्ष प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए करोड़ों रूपये के भुगतान वाली 27 फाइलों के लापता होने का मामला भी सुर्खियों में था।
इसके बावजूद जिले एवम संभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार एवं बलात्कार के आरोपी प्राचार्य को सेवा वृद्धि का प्रस्ताव भेज कर विभाग को कलंकित करने का कार्य किया है।साथ ही उपमुख्यमंत्री के गृह जिले में सुचिता की राजनीति करने वाली सरकार के मंसूबों पर न सिर्फ पानी फेरने का कार्य किया है बल्कि उपमुख्यमंत्री को भी अपमानित करने का कार्य किया है।ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उपमुख्यमंत्री को सख्त और कठोर कार्यवाही का निर्देश देना चाहिए।साथ ही इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए की बलात्कार एवम करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोपी प्राचार्य को एक वर्ष की सेवा वृद्धि का प्रस्ताव भेजने के बदले कितने रुपए का खेल हुआ है।इस मामले की चर्चा शिक्षा जगत के गलियारों में जोरो से है।देखना है आज उक्त आरोपी प्राचार्य को सेवानिवृत किया जाता है या पुनः सेवा वृद्धि के आदेश का इंतजार किया जाता है।जिला प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

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