रीवा जिले में हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। कह सकते है कि बच्चों के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है, खामियाजा वर्षों से स्कूली बच्चे ही उठा रहे हैं। दरअसल मामला जिले के शासकीय माडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा विकासखंड जवा का है।जहां अध्यापकों का विद्यालय पहुंचने के समय का कोई ठिकाना नहीं है।अध्यापक अपनी मनमर्जी के मालिक हैं। जबकि शिक्षा विभाग गाइड लाइन के अनुसार 10:30 बजे तक स्कूल पहुंचना जरूरी है। वहीं विद्यालय का गेट खुलने के इंतजार में खड़े छात्रों से इसकी जानकारी ली गई। तब पता चला कि विद्यालय में कोई शिक्षक समय पर नहीं पहुंचते हैं। वहीं कुछ छात्रों ने यहां तक बताया कि अध्यापक जो आते भी हैं, वे क्लास नहीं लेते।आकर गप्पे मारते हैं। बोर्ड परीक्षा कुछ ही दिनों में होने वाली है।अब सबसे बड़ा सवाल है यह है कि जब छात्रों को कुछ पढ़ाया ही नहीं गया तो छात्र परीक्षा में क्या लिखेंगे? अब इसमें कितनी सच्चाई है संबंधित विषय के छात्रों से संबंधित विषय का परीक्षण कर सच्चाई का अनुमान लगाया जा सकता है। वही पुनः जब विलंब से आने का कारण पूछने के लिए मध्यान्ह काल में संवाददाता द्वारा अध्यापकों से बात करने का प्रयास किया गया तो गेट में ताला बंद था। जोकि एक अतिथि अतिथि शिक्षक द्वारा बताया गया कि गेट की चाबी खो गई है ताला नहीं खुल सकता है और जो नियमित अध्यापक थे वह काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी सामने नहीं आए। इसमें सवाल ये उठता है कि आखिर विद्यालय में अध्यापकों को किस बात का भय है कि जो चाबी खो जाने का बहाना बता डाले। लेकिन इसमें कुछ ना कुछ रहस्य तो जरूर है। कि कहीं कोई बात प्रशासन के निगाह में न आ जाए। अतिथि शिक्षक ने बताया कि परीक्षा चल रही है।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब परीक्षा चल रही थी तो बच्चे विद्यालय कैंपस में घूमते नजर क्यों आ रहे थे।अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग छात्रों के भविष्य को लेकर कुछ कठोर कदम उठाएगा या इसी तरह शिक्षक मीडिया कर्मियों को चाबी खो जाने का बहाना बताकर गुमराह करते रहेंगे.