Friday, December 5, 2025

REWA बसों में किराए की लूट आखिर किसकी छूट, अधिकारी नेता मस्त जनता त्रस्त

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रीवा जिले के विभिन्न रूटों में दौड़ने वाली यात्री बसों में यात्रियों के साथ लगातार जमकर शोषण हो रहा है। बस संचालकों की मनमानी इस कदर बढ़ी हुई है कि जिले के किसी भी अधिकारियों का भय उनके अंदर नहीं है। शायद इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी हो सकता है कि बस संचालकों द्वारा प्रति माह अधिकारियों को मुंह बंद रखने हेतु मोटी-मोटी रकम दी जाती हो, जिसकी वजह से नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी ढंग से संचालन किया जा रहा है। बसों में क्षमता से अत्यधिक यात्रियों को बैठाने के साथ ही मनमाने रूप से किराया वसूल रहे हैं। गाइडलाइनों के उल्लंघन पर आरटीओ विभाग द्वारा कार्रवाई की बात तो कहीं जा रही है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि जिम्मेदारों द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जनता जनार्दन के टैक्स से मोटी मोटी तनख्वाह पाने वाले सांसद-विधायक और कर्मचारी अधिकारी जनता जनार्दन के हित में कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सोहागी पहाड़ सहित जिले एवं प्रदेश में घटित हुई विभिन्न बड़ी घटनाओं के बाद भी प्रशासनिक व्यवस्था पर जंग लगा हुआ है। सत्ता पक्ष दावों में एवं विपक्ष की भूमिका मुर्दा जैसे बनी हुई है जो आगामी दिनों में होने वाले चुनाव से पूर्व अपने-अपने बिल से बाहर निकाल कर प्रलोभन देते हुए मतदाताओं को ठगने का प्रयास करेंगे। बता दें कि रीवा से चाकघाट एवं चाकघाट से रीवा चलनी वाले बसों में यात्रियों से 150 रूपये से अत्यधिक का किराया वसूला जा रहा है एवं यात्रियों को जो रसीद थमाई जा रही है उसमें बस से संबंधित कोई भी विवरण दर्ज नहीं रहता है। यात्रियों द्वारा सवाल किए जाने पर अभद्रता के साथ यात्रा ना करने अथवा रास्ते में उतार देने जैसे विभिन्न धमकियां दी जाती हैं। अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न रूटों में यात्रियों के साथ लगातार शोषण हो रहा है। ताजा उदाहरण शुक्ला बस के एमपी 17 पी 2611 में देखने को मिला है जिसमें रीवा से चाकघाट यात्रा के दौरान 150 रूपये प्रति यात्रियों से किराया वसूला गया। जबकि निर्धारित एक रुपए 25 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से 80 किलोमीटर का किराया 100 बनता है। उक्त गाड़ी की परमिट भी चेक की जानी चाहिए चूंकि रीवा से प्रयागराज यात्रा हेतु बोर्ड लगा हुआ देखा गया है जहां बॉर्डर में अक्सर यात्रियों के बीच और बस संचालकों के बीच विवाद को लेकर स्थिति निर्मित हुई है। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सभाओं में जनता जनार्दन के समक्ष भ्रष्ट अधिकारियों एवं गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की बात अक्सर की जाती है लेकिन जमीनी धरातल की तस्वीरें इस प्रकार से है कि सभाओं में दिए जाने वाले भाषण हवा हवाई हैं।

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