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Friday, November 15, 2024

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REWA दूसरे व्यक्ति की डिग्री और बोर्ड पर नाम लिखवाकर कोई दूसरा व्यक्ति इलाज करता पाया गया तो होगी सख्त कार्यवाही डाॅ. ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी(बीएमओ) जवा

तराई अंचल में झोलाछाप डॉक्टरों का कहर, बिना किसी डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर कर रहे इलाज़, क्लीनिक में रख रहे एक्सरे मशीन, जवा अस्पताल के इर्द- गिर्द एवं रामबाग, पटेहरा,अतरैला,डभौरा थाना के सामने चल रही इलाज़ की दुकान, आखिर झोलाछाप डॉक्टरों को क्यों नहीं है किसी का भय, स्वास्थ्य विभाग क्यों बना मूक-बधिर, कौन दे रहा संरक्षण और कौन है जिम्मेदार, क्यों नहीं हो रही कार्यवाही, कहीं किसी बड़ी अनहोनी का तो नहीं हो रहा है इंतजार, क्या किसी अनहोनी के बाद चेतेगा स्वास्थ्य विभाग.

जवा तराई अंचल में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जहां देखो वहीं झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक खोल करके दवाइयां करते नजर आते हैं। इस बारे में कई बार समाचार पत्रों में प्रकाशन भी किया गया मगर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। तराई अंचल में झोलाछाप डॉक्टरों की यह स्थिति है कि आठवीं पास दसवीं पास लोग भी क्लीनिक खोल करके धड़ल्ले से मरीजों का इलाज कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग में हर मर्ज के अलग-अलग डॉक्टर होते हैं मगर यह झोलाछाप डॉक्टर सभी मर्ज का इलाज गारंटी से करने का दावा करते नजर आते हैं। एक फर्जी क्लीनिक संचालक ने तो सारी हदें ही पार कर दी, उसने इलाज करने के साथ एक्सरे मशीन भी अपने क्लीनिक में रख लिया। यह क्लीनिक संचालक अतरैला जवा रोड में पेट्रोल पंप की बगल में अपना क्लीनिक खोल रखा है। और मरीजों की लाइन लगी रहती है। और एक डॉक्टर ने तो अतरैला थाना के सामने ही अपना क्लीनिक खोल रखा है, और बाकायदा मरीजों को बाटल भी लगाता नजर आ रहा था ।और क्लीनिक का नाम- पता कुछ भी नहीं है। एक ने कहा कि इस बेरोजगारी में कुछ भी नजर नहीं आ रहा था तो मुझे लगा कि यह सबसे अच्छा व्यवसाय है। अब यदि इस तरीके से लोग क्लीनिक खोलना शुरू कर देंगे तो ना जाने कितने बेरोजगार युवा घर में बैठे हैं, वह सब क्लीनिक खोल करके मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर देंगे। कुछ दिन पूर्व ही क्लीनिक संचालक से पूछा गया था कि यदि आपके दवा करने से किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है तो इस पर आप क्या करेंगे? उसने बहुत ही निर्भीकता के साथ यह जवाब दिया कि जिसको मरना होगा वह मर ही जाएगा डॉक्टर का नाम लग जाता है
डॉक्टर बनने के लिए उससे संबंधित डिग्रियां होनी चाहिए तथा सीएमओ ऑफिस से रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। उसके पश्चात ही कोई इलाज करने का पात्र और क्लीनिक खोलने का पात्र बन सकता है। झोलाछाप डॉक्टरों के अंदर कोई किसी प्रकार का भय नहीं रह गया, इनके इस निर्भीकता का कुछ ना कुछ तो रहस्य जरूर होगा। इन्हें किसका संरक्षण प्राप्त है, यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा, गांव की सीधी -सादी महिलाएं अगर सर्दी, जुखाम, बुखार हुआ तो जवा में डॉक्टरों के पास जाती हैं और जवा में बकायदा यमराज रूपी झोलाछाप डॉक्टर पांव पसार कर बैठे हैं उनके चंगुल में यह भोली-भाली महिलाएं फंस जाती हैं और उनसे इलाज करवा लेती हैं, अगर इन मरीजों के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? कई झोलाछाप डॉक्टर तो नाम ना बताने की शर्त में यहां तक कहा कि सब सेटिंग से काम चल जाता है कोई कार्यवाही नहीं होती। केवल जवा बाजार में ही झोलाछाप डॉक्टर नहीं है अपितु पूरे तराई अंचल में जवा चौराहे से अगर चारो दिशा में देखा जाए तो ना जाने कितने झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर बैठे हैं और धड़ल्ले से उनका व्यापार फल फूल रहा है।यह झोलाछाप डॉक्टर जवा, पटेहरा, डभौरा, अतरैला हर जगह गांव- गांव मोहल्ले -मोहल्ले में क्लीनिक खोल कर रखे हैं।

वहीं इस संदर्भ में रिपोर्टर रवि प्रकाश मिश्र ने जवा बीएमओ से बात किया गया तो उन्होंने फर्जी डाक्टरों को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही करने की बात कही। अब देखना यह होगा कि जवा बीएमओ झोलाछाप डॉक्टरों को बेनकाब कर पाते हैं या तत्कालीन बीएमओ की तरह झोलाछाप डॉक्टरों की कार्यवाही का आश्वासन ही मिलता रहेगा ।
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