रीवा अंधत्व निवारण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि मोतियाबिन्द का प्रकोप प्राय: 40 वर्ष के बाद होता है। इससे प्रभावित सर्वाधिक बुजुर्ग होते हैं। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अभियान चलाकर मोतियाबिन्द से पीड़ितों का चिन्हांकन करें इसके लिए आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा ग्राम पंचायत सचिव को तैनात करें। जनसंख्या के अनुपात के अनुसार जिले में लगभग 20 हजार मोतियाबिन्द से पीड़ित व्यक्ति हो सकते हैं। इनका चिन्हांकन करने के बाद ऑपरेशन के लिए जिला स्तर तथा विकासखण्ड स्तर पर शिविर लगायें। अभियान को सफल बनाने के लिए जिला रेडक्रास समिति, स्थानीय निजी नेत्र चिकित्सालयों तथा चित्रकूट के सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय का सहयोग लिया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इस संबंध में विभिन्न पक्षों से चर्चा करके अभियान की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।