गांधी अंबेडकर सरदार पटेल जैसे महापुरुष नहीं होते तो उपराज्यपाल सिन्हा स्वतंत्र रूप से फुटपाथ में सब्जी ठेला भी नहीं लगा सकते थे
रीवा विगत दिवस गुरुवार को ग्वालियर की आईटीएम यूनिवर्सिटी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस बयान कि महात्मा गांधी के पास लॉ की कोई डिग्री नहीं थी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह एड ने कहा कि देश की आजादी के महानायक महात्मा गांधी के खिलाफ उपराज्यपाल सिन्हा का बेहूदा बयान घटिया मानसिकता का परिचायक है राज्यपाल के बयान का पलटवार करते हुए गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि बापू ने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल से भारतीय मैट्रिक पास की थी उसके बाद इंग्लैंड के लंदन यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की थी तथा दो डिप्लोमा भी लिए थे इसके बाद भी आर एस एस की शाखाओं से निकले लोग लगातार राष्ट्रपिता का अपमान कर रहे हैं जो गंभीर अपराध है आज गांधी के खिलाफ वही लोग अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं जिनके खानदानी लोग अंग्रेजी हुकूमत की मुखबिरी कर रहे थे एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को गांधीजी के खिलाफ बोलने से पहले सोचना चाहिए था कि अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजाद कराने 16 राष्ट्रीय आंदोलन हुए थे जिसमें प्रमुख चंपारण आंदोलन खेड़ा आंदोलन स्वराज आंदोलन नमक सत्याग्रह दलित आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन जैसे बड़े-बड़े आंदोलन गांधीजी की अगुवाई में हुए थे जिसका परिणाम है कि आज यह देश आजाद होकर गांधी के देश के नाम से जाना जाता है आज गांधी अंबेडकर सरदार पटेल जैसे महापुरुष नहीं होते तो उपराज्यपाल की आसंदी पर बैठे मनोज सिन्हा जैसे लोगों को सड़क के फुटपाथ में स्वतंत्र रूप से सब्जी का ठेला लगाने तक को स्थान नसीब नहीं होता इसलिए मेरी सलाह है कि किसी भी महापुरुष के खिलाफ टिप्पणी करने से पहले अपने आप को स्वयं परख लेना चाहिए ऐसे बयान से देश के कानूनविद भी आहत हुए हैं.