क्या आप जानते हैं कि जिस मिट्टी से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं जुड़ी हैं, उसी मिट्टी में जन्मा खेल अब दुबई के रेगिस्तान की रेत में गूंजने वाला है? जी हां, वो खेल जो कभी तमिलनाडु की गलियों में मिट्टी पर खेला जाता था, अब इंटरनेशनल स्पॉटलाइट में है। Real Kabaddi League (RKL) के माध्यम से 4000 साल पुरानी परंपरा अब अरब देशों में इतिहास रचने जा रही है। दुबई के Al Ali Sports Club में रविवार को शाम 6 बजे खेला जाएगा एक ऐतिहासिक एग्जीबिशन मैच—जिसे न सिर्फ खेलप्रेमी बल्कि खेल इतिहास से जुड़े लोग भी रोमांच से देखेंगे। इस मैच में उतरेंगी दो डमी टीमें—Indian Warriors और Gulf Gladiators। लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों और कैसे भारत का ये पारंपरिक खेल अब ग्लोबल स्टेज की ओर बढ़ रहा है?
Real Kabaddi League के सह-संस्थापक लविश चौधरी के मुताबिक, “RKL का मकसद सिर्फ खेल करवाना नहीं, बल्कि उन युवाओं को मंच देना है जिन्हें मौके नहीं मिलते।” तीन सफल सीजन भारत में कराने के बाद अब कबड्डी दुबई के दरवाज़े पर दस्तक दे चुकी है। शुभम चौधरी, जो कि RKL के संस्थापक हैं, कहते हैं कि यह एग्जीबिशन मैच अरब देशों में कबड्डी की नींव रखने का पहला प्रयास है। इस ऐतिहासिक पहल को Dubai Sports Council का समर्थन प्राप्त है, जिससे साफ जाहिर है कि अब कबड्डी भी क्रिकेट और फुटबॉल की तरह इंटरनेशनल खेल बनने की राह पर है।
कबड्डी कोई आम खेल नहीं है। इसकी जड़ें भारत की संस्कृति और परंपरा में गहराई से समाई हुई हैं। इसका उद्भव तमिलनाडु के जलीकट्टू से माना जाता है, जो खुद एक प्राचीन और साहसिक खेल है। इतिहासकारों के अनुसार, भगवान बुद्ध को भी कबड्डी से विशेष लगाव था और महाभारत में अर्जुन को यह खेल श्रीकृष्ण ने सिखाया था। लगभग 4000 वर्ष पुराना यह खेल, अब आधुनिक तकनीक और वैश्विक नजरिए के साथ दुबई की धरती पर एक नई कहानी लिखने को तैयार है।
आज कबड्डी मिट्टी से निकलकर चमकदार मैट पर खेली जाती है, लेकिन इसका रोमांच वैसा ही बना हुआ है। दो टीमों के बीच खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं। एक खिलाड़ी विपक्षी टीम के पाले में जाकर ‘रेड’ करता है, उसे छूकर वापस अपनी टीम के पाले में सुरक्षित लौटना होता है। यह खेल न सिर्फ फुर्ती और ताकत का, बल्कि दिमागी चतुराई का भी परिचायक है। Real Kabaddi League जैसे प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस खेल को उसकी सही पहचान मिले और खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमक सकें।
The Khabardar News मानता है कि भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा हर खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि हमारी पहचान है। कबड्डी की दुबई में एंट्री न सिर्फ एक खेल की जीत है, बल्कि यह भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक समृद्धि की वैश्विक यात्रा का प्रतीक भी है। जब भारत का ग्रामीण खेल अब वैश्विक मंच पर खेला जाएगा, तब दुनिया भारत की मिट्टी की ताकत को महसूस करेगी।