प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की भव्यता अपने चरम पर है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए वहां तक पहुंचना किसी परीक्षा से कम नहीं। मौनी अमावस्या के दौरान मची भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन ने अब भीड़ नियंत्रण की नई रणनीति अपनाई है। सतना, कटनी, जबलपुर, रीवा जैसे शहरों से आने वाले रास्तों पर भारी ट्रैफिक के कारण 5 से 7 घंटे का लंबा जाम लग रहा है। प्रयागराज में प्रवेश से पहले ही वाहनों को सीमावर्ती जिलों में रोक दिया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल चलकर मेले तक पहुंचना पड़ रहा है। बीते 72 घंटों में सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचने का सफर दोगुना से तिगुना लंबा हो चुका है, जहां लोग 8 से 10 घंटे तक ट्रैफिक में फंसे रहे। महाकुंभ में अब तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या अगले 16 दिनों में प्रयागराज पहुंचना आसान होगा? क्या 12 फरवरी की माघ पूर्णिमा के बाद कुंभ जाने का सही समय रहेगा?
इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु हर दिन संगम में स्नान के लिए उमड़ रहे हैं, जिससे शहर के हर प्रवेश द्वार पर जबरदस्त दबाव बढ़ गया है। प्रशासन ने अपील की है कि भीड़भाड़ वाले वीकेंड्स में यात्रा करने से बचें और ट्रैफिक अपडेट लेते रहें। वहीं, यूपी सरकार स्थिति को संभालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज, कौशांबी, कानपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, चित्रकूट सहित कई जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि महाकुंभ मार्ग पर यातायात बाधित न हो, पार्किंग स्थलों का सही उपयोग हो, और बसंत पंचमी की तर्ज पर माघ पूर्णिमा पर भी विशेष सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मेले के भीतर एक भी अनाधिकृत वाहन प्रवेश न करे और सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए। बस और ट्रेन सेवाओं में भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को अभी भी लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। प्रशासन ने अपील की है कि यदि संभव हो तो यात्रा को कुछ दिनों के लिए टाला जाए या फिर प्लेन और ट्रेन के जरिए आने का विकल्प चुना जाए। प्रयागराज में साफ-सफाई और व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि श्रद्धालु एक सुरक्षित और पवित्र अनुभव प्राप्त कर सकें। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में भीड़ प्रबंधन और परिवहन व्यवस्था कितनी प्रभावी साबित होती है।