पहली नजर में लखनऊ की ये जीत जश्न की वजह लगी—लेकिन जैसे ही मैच खत्म हुआ, बीसीसीआई की एक सख्त कार्रवाई ने पूरे माहौल का रंग बदल दिया। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का 16वां मुकाबला—लखनऊ सुपर जायंट्स बनाम मुंबई इंडियंस—क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक रोमांचक शो था। लखनऊ ने यह मैच 12 रनों से जीत लिया, लेकिन असली ड्रामा मैच खत्म होने के बाद शुरू हुआ। बीसीसीआई ने कप्तान ऋषभ पंत पर ₹12 लाख का भारी जुर्माना ठोक दिया। वजह? स्लो ओवर रेट यानी निर्धारित समय में ओवर पूरे न कर पाना। इससे भी दिलचस्प बात यह रही कि ये सिर्फ कप्तान तक सीमित नहीं रहा—टीम के युवा स्पिनर दिग्वेश राठी भी आचार संहिता के उल्लंघन में फंस गए।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि पंत को जीत के बाद भी सजा मिली? दरअसल, आईपीएल के नियम साफ तौर पर कहते हैं कि किसी भी टीम को 20 ओवर फेंकने के लिए अधिकतम 90 मिनट दिए जाते हैं। लेकिन मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में लखनऊ की टीम यह समयसीमा पार कर गई। इसके चलते टीम को अंतिम ओवर में 30-गज के घेरे से बाहर एक कम फील्डर के साथ खेलना पड़ा। यही नहीं, BCCI ने पंत पर पहली बार स्लो ओवर रेट के तहत अनुच्छेद 2.22 के उल्लंघन का हवाला देते हुए ₹12 लाख का जुर्माना लगाया।
लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। स्पिनर दिग्वेश राठी भी BCCI की रडार पर आ गए। राठी ने इससे पहले पंजाब किंग्स के खिलाफ एक विकेट लेने के बाद ‘नोटबुक स्टाइल’ में जश्न मनाया था, और यही हरकत उन्होंने मुंबई के खिलाफ नमन धीर का विकेट लेने पर दोहराई। यह IPL की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 का सीधा उल्लंघन है, जिसे ‘लेवल-1’ अपराध माना गया। नतीजा? दूसरी बार मैच फीस का 50% जुर्माना और एक और डिमैरिट अंक। अब तक उनके नाम पर कुल दो डिमैरिट अंक हो चुके हैं, जो भविष्य में और बड़ी सजा की आहट बन सकते हैं।
यह घटनाक्रम हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या जीत का जश्न अनुशासन से बड़ा हो गया है? जहां एक ओर युवा खिलाड़ी मैदान में अपने उत्साह को दर्शाने के लिए अलग-अलग अंदाज़ में जश्न मना रहे हैं, वहीं BCCI इस पर लगातार नजर बनाए हुए है। यह संतुलन जरूरी है—खेल का जुनून और नियमों की मर्यादा। दिग्वेश राठी जैसे खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि खेल भावना में भी अनुशासन उतना ही जरूरी है जितना प्रदर्शन। वहीं कप्तानों को अपनी टीम की रणनीति और ओवर गति पर पूरी सतर्कता रखनी चाहिए, खासकर जब वो खुद इतने अनुभवी खिलाड़ी हों जैसे कि ऋषभ पंत।