वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की मशहूर रात्रि पदयात्रा एक बार फिर उसी जोश और आस्था के साथ शुरू हो गई है। हालांकि, इसे लेकर बीते दिनों विवाद हुआ था, जब एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों ने यात्रा के दौरान ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करते हुए विरोध जताया था। विवाद इतना बढ़ा कि महाराज ने यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी थी। भक्तों के बीच इस फैसले से आक्रोश फैल गया। स्थानीय व्यापारियों ने भी नाराजगी जताते हुए अपनी दुकानों पर पोस्टर चिपका दिए, जिसमें लिखा था कि एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों को यहां सामान नहीं मिलेगा। इस विरोध के बाद सोसायटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर माफी मांगी, जिसके बाद भक्तों में उत्साह लौट आया।
अब जब प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा दोबारा शुरू हुई, तो भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। रात 2 बजे जैसे ही यात्रा निकली, पूरे वृंदावन में भक्ति और श्रद्धा का माहौल बन गया। भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और हर कोई संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। यात्रा उसी रास्ते से होकर गुज़री, जिस पर पहले विवाद हुआ था, लेकिन इस बार विरोध नहीं, बल्कि स्वागत देखने को मिला। सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा माफी मांगने और भक्तों की भावनाओं को देखते हुए प्रेमानंद महाराज ने यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया। यह खबर भक्तों के लिए किसी आनंदोत्सव से कम नहीं थी!
सोसायटी के लोगों ने भी प्रेमानंद महाराज के इस निर्णय का स्वागत किया। श्रद्धालुओं और ब्रजवासियों की अपील पर संत प्रेमानंद महाराज ने पुनः तय समय यानी रात 2 बजे से यात्रा निकालने की घोषणा की थी। इस बार सोसायटी के लोगों ने भी अपनी गलती का एहसास करते हुए महाराज के स्वागत में रंगोली बनाई। इससे पहले जब विरोध हुआ था, तब महाराज ने यात्रा सुबह 4 बजे निकाली थी और गाड़ी में बैठकर दर्शन दिए थे। लेकिन इस बार भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह फिर से पैदल यात्रा पर निकले, जिससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई।
गौरतलब है कि 4 फरवरी को वृंदावन की एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की इस यात्रा का विरोध किया था। उनका कहना था कि यात्रा के दौरान बजने वाले ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण होता है और सोसायटी के लोगों की नींद प्रभावित होती है। महिलाओं ने भी शिकायत की थी कि इससे उनका पूरा दिन खराब हो जाता है। इस विरोध के बाद भक्तों में गुस्सा फैल गया और सोशल मीडिया पर सोसायटी की आलोचना शुरू हो गई। हालांकि, अब जब सोसायटी के अध्यक्ष ने खुद महाराज से माफी मांग ली है और यात्रा भी पहले की तरह बहाल हो गई है, तो भक्तों और ब्रजवासियों के बीच फिर से भक्ति और उल्लास का माहौल बन गया है!






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