हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है, वहीं दूसरी ओर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने जयराम ठाकुर समेत BJP के पांच विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया है। इससे पहले जयराम ठाकुर ने इसकी आशंका जताई थी और इसको लेकर BJP का डेलीगेशन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिला था । विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि वह अब भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए काम करेंगे। जयराम ठाकुर और BJP के अन्य विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल के लिए निलंबित किया गया है। भाजपा ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण करार दिया है और राज्यपाल से स्पीकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हिमाचल प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बीच कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है।
इस सियासी घमासान के कुछ प्रमुख बिंदु:
विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दिया। जयराम ठाकुर समेत BJP के पांच विधायकों को निलंबित किया गया। भाजपा ने स्पीकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हिमाचल प्रदेश में सियासी उथल-पुथल जारी है। इस सियासी घमासान का हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर क्या असर होगा, यह अभी कहना मुश्किल है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि यह सियासी घमासान ऐसे समय में हो रहा है जब हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सियासी घमासान आने वाले विधानसभा चुनावों में किस दल के लिए फायदेमंद साबित होता है।