मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक बार फिर कानून के रखवालों पर हमला हुआ है। सुरखी थाना क्षेत्र के महुआखेड़ा गांव में वारंटियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर महिलाओं और ग्रामीणों ने मिलकर पथराव कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। जान बचाने के लिए पुलिसकर्मियों को मौके से भागना पड़ा।
घटना गुरुवार शाम सुरखी थाना क्षेत्र के महुआखेड़ा गांव की है। सागर पुलिस की टीम कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट लेकर गांव में चार आरोपियों – हल्ले घोषी, रामस्वरूप घोषी, रामजी घोषी और वीरेंद्र घोषी – को पकड़ने गई थी। पुलिस टीम में प्रधान आरक्षक प्यारेलाल और आरक्षक बृजेंद्र शामिल थे।
जैसे ही पुलिस ने गांव में दबिश दी, आरोपियों के परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया। देखते ही देखते महिलाओं समेत भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी खुद को बचाते हुए भागे लेकिन तब तक दोनों घायल हो चुके थे। प्रधान आरक्षक प्यारेलाल को सिर में और आरक्षक बृजेंद्र को सिर व हाथ में चोट आई है।
घटना की जानकारी मिलते ही सागर पुलिस लाइन और रहली थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया। पहले सुरखी थाना टीम महुआखेड़ा गांव (राजा बिलहरा के पास) पहुंची, लेकिन यह दूसरा महुआखेड़ा निकला। बाद में सही गांव पहुंचकर पुलिस ने मोर्चा संभाला।
पुलिस ने घटना के बाद एक आरोपी को हिरासत में लिया है, जबकि बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है। इलाके में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
पिछले कुछ महीनों में मध्यप्रदेश में पुलिस टीमों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। वारंट तामील, अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई या दबिश के दौरान पुलिस को लगातार स्थानीय विरोध और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। यह पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह के साथ-साथ कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।