क्या आपने कभी सोचा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने वाले अधिकारियों की ज़िंदगी कैसी होती है? क्या उनका वेतन उतना ही शक्तिशाली होता है जितनी उनकी ज़िम्मेदारी? क्या वो तनख्वाह में भी किसी कॉर्पोरेट CEO को टक्कर दे सकते हैं? अगर आपको लगता है कि सरकारी नौकरी में सैलरी सीमित होती है—तो ठहरिए! आज हम आपको दिखाएंगे कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में “अंडर सेक्रेटरी” जैसे पद पर बैठे अधिकारी की तनख्वाह सुनकर आप सच में हैरान रह जाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय को देश की सबसे प्रभावशाली जगहों में गिना जाता है। यहां कोई भी पद, सिर्फ कागज़ों पर दस्तखत भर नहीं करता, बल्कि यह राष्ट्र की दिशा तय करने वाले फैसलों का हिस्सा होता है। “अंडर सेक्रेटरी” कोई आम बाबू नहीं होता—यह पद एक अनुभवी सिविल सर्वेंट को मिलता है, जिसकी भूमिका प्रशासनिक कार्यों से लेकर नीति निर्माण तक फैली होती है। इस पद की प्रतिष्ठा और इसकी जिम्मेदारियों को देखते हुए, इसका वेतन पैकेज भी उतना ही चौंकाने वाला है।
अंडर सेक्रेटरी की सैलरी भारत सरकार के पे लेवल 11 के तहत आती है। इसका अर्थ है कि उन्हें हर महीने ₹67,700 से ₹2,08,700 तक का बेसिक वेतन मिलता है। और ये सिर्फ शुरुआत है। इसके अलावा डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), टीए (यात्रा भत्ता), और स्पेशल ड्यूटी अलाउंस जैसी कई सुविधाएं भी मिलती हैं। यदि पोस्टिंग दिल्ली जैसे महंगे शहर में हो, तो यह कुल वेतन एक अच्छे-खासे कॉर्पोरेट पैकेज से कहीं ऊपर जा सकता है। मतलब यह कि वेतन के मामले में भी यह पद देश की सबसे आकर्षक नौकरियों में शामिल हो चुका है।
PMO में अंडर सेक्रेटरी की भूमिका सिर्फ फाइलों पर साइन करने तक सीमित नहीं है। उन्हें मंत्रालयों के बीच समन्वय बनाना होता है, नीतियों की समीक्षा करनी होती है, संसद से जुड़े मामलों पर रिपोर्ट तैयार करनी होती है और प्रधानमंत्री तक जरूरी सूचनाएं पहुँचानी होती हैं। यह पद देश की नीतियों के हर पहलू में गहराई से जुड़ा होता है, जहां एक चूक देश की दशा पर असर डाल सकती है। यानी यहां काम केवल प्रतिष्ठा का नहीं, बल्कि गहरी ज़िम्मेदारी का है।






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