क्या आपने कभी देखा है जब कोई नेता अपना भाषण शुरू करने से पहले दो मिनट की शांति से जनता को स्तब्ध कर दे? क्या आपने वो क्षण महसूस किया है, जब सन्नाटा किसी बड़े तूफान से पहले की चेतावनी बन जाए? बिहार के मधुबनी में ठीक ऐसा ही हुआ — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहलगाम आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद माइक संभाला, तो हर शब्द जैसे लावा बनकर गूंजा। एक ओर आम जनता में गुस्से की लहर, दूसरी ओर पाकिस्तान पर सीधा निशाना। पीएम मोदी ने पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में इस आतंकी हमले पर न सिर्फ प्रतिक्रिया दी, बल्कि साफ कर दिया कि अब सिर्फ कार्रवाई होगी — ऐसी, जो दुनिया को चौंका देगी।
“अब आतंकियों और उनके आकाओं को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी… उनकी बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिला देंगे।” ये शब्द सिर्फ एक राजनीतिक भाषण नहीं थे, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की भावना का घोषणापत्र बन गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं था, यह भारत की आस्था पर सीधा प्रहार था। कोई बांग्ला बोलने वाला था, कोई कन्नड़, कोई मराठी, कोई बिहार का लाल— मगर इस हमले में हम सब एक हो गए। यह दुख और यह आक्रोश पूरे देश का है, और अब यह इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगा।
पीएम मोदी ने अपना संदेश अंग्रेजी में भी दिया, ताकि दुनिया के कोने-कोने तक यह चेतावनी पहुंचे — भारत अब चुप नहीं बैठेगा। यह सिर्फ भारत की सुरक्षा का मामला नहीं है, यह वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक मोर्चा है। देश ने अब निर्णय ले लिया है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाकर आतंक के हर केंद्र को खत्म किया जाएगा। मधुबनी की यह सभा सिर्फ एक जनसमूह नहीं थी, यह भारत की चेतावनी थी — स्पष्ट, दृढ़ और निर्णायक।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं देश को समर्पित कीं और सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार दिए। यह एक संकेत था कि देश विकास की रफ्तार से भी पीछे नहीं हटेगा, बल्कि आतंक और अव्यवस्था के खिलाफ लड़ते हुए तरक्की की राह पर और तेजी से बढ़ेगा। सभा में संगीत या ढोल नहीं था — यह निर्णय बताता है कि शोक और संकल्प दोनों एक साथ महसूस किए गए।
उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी के अंतिम संस्कार के दिन, सीएम योगी ने इस हमले को ‘वीभत्स, क्रूर और कायराना’ करार देते हुए कहा — “आतंकवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है, और ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय आ गया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व को ‘निर्णायक’ बताया और दोहराया कि भारत अब जवाब देने में हिचक नहीं दिखाएगा।







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