अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार यानी 10 अगस्त को आखिरी दिन चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 4 बजे जवाब देंगे। इसके बाद वोटिंग हो सकती है। बहुमत के लिए सदन में मौजूद सदस्यों में 50% से 1 अधिक होना चाहिए।
भाजपा के लोकसभा में 303 सदस्य हैं। सहयोगियों को मिलाकर आंकड़ा 333 होता है। YSR, BJD और TDP ने भी समर्थन का वादा किया है। कांग्रेस के 51 सदस्य हैं। INDIA गठबंधन को मिलाकर सांसदों की संख्या 143 है।
मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव। पहला 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी लाई थी। 12 घंटे चर्चा के बाद मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। विपक्ष को 126 वोट मिले थे। अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। पहला प्रस्ताव 1963 में चीन युद्ध के बाद तत्कालीन पीएम नेहरू सरकार के खिलाफ लाया गया था।
विश्वास प्रस्ताव पर बहस के पहले दिन किसने क्या कहा
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाना हमारी मजबूरी थी। हम प्रधानमंत्री का मौन व्रत तोड़ने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई। लेकिन पीएम जनता के बीच अपनी भूल स्वीकार करना नहीं चाहते। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत 8 अगस्त को हुई। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी को भाषण देना था, लेकिन उनकी जगह गौरव गोगोई ने भाषण पढ़ा।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- सुबह सेक्रेटरी जनरल के यहां चिट्ठी आई थी कि राहुल गांधी जी बोलेंगे। हम तो उनके भाषण का इंतजार कर रहे हैं। अब गौरव गोगोई बोल रहे हैं। 5 मिनट में आखिर क्या हो गया। भारतीय नारी को क्या-क्या करना चाहिए, उसकी पूरी की पूरी पिक्चर सोनियाजी में दिखती है। उनको दो काम करने हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।