भारतीय वायुसेना की युद्ध तैयारी: ‘आक्रमण’ से आसमान में गरजे राफेल और सुखोई
भारत की सुरक्षा रणनीति में एक नया मोड़ आया है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने सख्त और निर्णायक रुख अपनाया है। इसी क्रम में ‘आक्रमण’ नामक व्यापक सैन्य अभ्यास की शुरुआत की गई है, जिसमें अत्याधुनिक फाइटर जेट्स – राफेल और सुखोई Su-30 – गगनचुंबी गर्जना के साथ उड़ान भर रहे हैं। यह अभ्यास सेंट्रल सेक्टर में बड़े पैमाने पर चल रहा है और इसका उद्देश्य भारतीय वायुसीमा की ताकत को और भी मजबूत करना है। इस दौरान ग्राउंड अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और हाई-स्पीड टारगेट डिस्ट्रक्शन जैसे ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जा रहा है।
‘शब्द नहीं, अब एक्शन’: पाकिस्तान को कड़ा संदेश
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव अपने चरम पर है। लेकिन इस बार भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जवाब सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि ‘शक्तिशाली कार्रवाई’ में मिलेगा। पाकिस्तान की तरफ से दी जा रही गीदड़भभकियों के बीच, भारतीय वायुसेना का यह युद्धाभ्यास दुश्मनों को सीधा और साफ संदेश दे रहा है – भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है। अम्बाला और हाशीमारा से उड़ान भरते राफेल जेट्स और मल्टीपल एयरबेस से ऑपरेट कर रहे सुखोई, इस अभियान को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।
आधुनिक मिसाइलों से लैस IAF, पूरी तरह से तैयार
इस ‘आक्रमण’ अभ्यास में IAF के सबसे अनुभवी और टॉप गन पायलट्स भाग ले रहे हैं, जिनकी निगरानी हाई-क्वालिफाइड इंस्ट्रक्टर्स द्वारा की जा रही है। राफेल जेट्स को मेटिओर, रैम्पेज और रॉक्स जैसी लॉन्ग-रेंज मिसाइलों से लैस किया गया है, जो दुश्मन के एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को भी धोखा देने में सक्षम हैं। ये हथियार भारतीय वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देते हैं। 2019 के बालाकोट स्ट्राइक की तरह अब भी भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह जरूरत पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने में हिचकिचाएगा नहीं।
सेना प्रमुख का कश्मीर दौरा: सुरक्षा पर पैनी नजर
इस बीच, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्णय लिया है। यह दौरा हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में बेहद अहम माना जा रहा है। वह श्रीनगर समेत विभिन्न महत्वपूर्ण इलाकों में जाकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी लेंगे। सेना की 15 कोर और राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडर भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे। यह दौरा दर्शाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां हर स्तर पर अलर्ट और एक्शन में हैं।






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