बड़ी ख़बर, गहरी बेचैनी और चारों ओर पसरा हुआ सन्नाटा—क्योंकि भारत की चुप्पी अब तूफान से पहले की शांति है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में खौफ की लहर दौड़ गई है। हालात इतने गंभीर हैं कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आनन-फानन में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुला ली। इस बैठक में सेना प्रमुख और विदेश मंत्री सहित देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी मौजूद हैं। उधर इमरान खान की पार्टी के नेता भी गिड़गिड़ा रहे हैं कि अगर भारत हमला करता है, तो राजनीतिक मतभेद भुलाकर सभी दल एकजुट हो जाएंगे। लेकिन असली सवाल है—भारत क्या करने जा रहा है?
भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी एक्शन की शुरुआत कर दी है। पहली बार सरकार ने सिंधु नदी का पानी रोकने का फैसला लिया है—जो किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं है। इसके अलावा चार और पाबंदियां लगाई गई हैं, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को हिला सकती हैं। यह वही पाकिस्तान है जो दशकों से आतंक की खेती कर रहा है और अब पहली बार खुद को चौतरफा घिरा महसूस कर रहा है। पाकिस्तान को यह चोट सिर्फ सीमा पर नहीं, उसकी सांसों तक पहुंचने वाली है।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत को सीधे परमाणु युद्ध की धमकी दी है। डार ने कहा, “भारत की पाबंदियां गैर-जरूरी हैं, हमारे पास भी परमाणु हथियार हैं और हम झुकेंगे नहीं।” इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने कराची तट के पास सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की अधिसूचना जारी की है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारतीय एजेंसियां इस हरकत पर पैनी नजर रखे हुए हैं। यह सिर्फ सैन्य शक्ति नहीं, एक मानसिक युद्ध भी है—जो अब सार्वजनिक मंचों से लड़ा जा रहा है।
पाकिस्तान ने यह तक संकेत दिए हैं कि वह 1972 के ऐतिहासिक शिमला एग्रीमेंट से भी पीछे हट सकता है। यह वही समझौता है जो भारत-पाक युद्ध के बाद इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था, जिसमें तय किया गया था कि दोनों देश 1971 की स्थिति को ही एलओसी मानेंगे। अगर पाकिस्तान इस समझौते से हटता है, तो इसका मतलब होगा—कूटनीतिक रिश्तों की अंतिम डोर भी टूट जाना। भारत की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस बार सिर्फ शब्दों से जवाब नहीं देगा।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के वरिष्ठ नेता चौधरी फवाद हुसैन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर भारत ने हमला किया या धमकी दी, तो पाकिस्तान के सभी दल एकजुट हो जाएंगे। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N), पीपीपी, जेयूआई, सभी एक झंडे के नीचे खड़े होंगे। लेकिन यह राजनीतिक एकता कितनी वास्तविक है, ये आने वाला वक्त ही बताएगा। क्योंकि जब देश की साख दांव पर हो, तब सिर्फ बयान नहीं, फैसले गूंजते हैं।






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