पहलगाम की वादियों में जब गोलियों की गूंज गूंजी, तब वहां सिर्फ हरियाली नहीं, लहू भी बहा। दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम, जिसे आमतौर पर “मिनी स्विट्जरलैंड” कहा जाता है, वहां मंगलवार दोपहर 3 बजे अचानक ऐसा मंज़र देखने को मिला जिसे कोई भी जिंदगीभर नहीं भूल पाएगा। पुलिस की वर्दी में छिपे दो से तीन आतंकियों ने टूरिस्टों पर एकाएक गोलियों की बौछार कर दी — 50 राउंड से भी ज्यादा फायरिंग। यह हमला सुनियोजित था, बेरहम था और दिल दहलाने वाला भी। शुरुआती आंकड़ों में 28 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है।
वीडियो सामने आया है — खून में लथपथ लोग, चीखती-चिल्लाती महिलाएं, रोते हुए बच्चे। यह कोई युद्ध का मैदान नहीं, बल्कि वह जगह है जहां लोग सुकून की तलाश में जाते हैं। हमले के बाद का दृश्य दिल को झकझोर देता है। महिला पर्यटक अपने प्रियजनों को खोजती रहीं, कुछ जमीन पर बेसुध पड़े थे, तो कुछ ने वहीं दम तोड़ दिया। यह हमला सिर्फ गोलियों से नहीं, पूरे देश की आत्मा पर किया गया है।
हमले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह तुरंत श्रीनगर पहुंचे हैं। पीएम मोदी को पूरी जानकारी दी गई और आपात बैठक बुलाई गई। एनआईए की टीम जांच के लिए बुधवार को घटनास्थल पर पहुंच रही है। गृहमंत्री सभी एजेंसियों के साथ ग्राउंड जीरो से सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। श्रीनगर में उच्च स्तरीय मीटिंग शुरू हो चुकी है और हर एंगल से जांच की जा रही है। प्रधानमंत्री ने भी अपने बयान में दो टूक कहा है—“जो इस घिनौने हमले के जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा।”
राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों का सबसे भयावह हमला बताया है, खासकर आम नागरिकों पर। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं, स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के अनुसार, आतंकी जंगल से उतरकर सीधे घाटी में घुसे और पर्यटकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इससे साफ है कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बड़ी चूक हुई है।





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