Monday, April 7, 2025

अब IIT में होगी IIM वाली पढ़ाई? B. Tech के साथ MBA भी कराएंगे देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज!

IIT Admission, New Education Policy: नई शिक्षा नीति के तहत देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कुछ बदलाव की तैयारी हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार अब IIT (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में IIM (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) की तरह MBA और अन्य दूसरे क्षेत्र के कोर्स भी शुरू किए जा सकते हैं।

देश के बेस्ट शिक्षा संस्थानों में शुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) ने इंजीनियरिंग कोर्सेज में तो ग्लोबल लेवल पर अपनी साख साबित की है, अब ये संस्थान मैनेजमेंट, ह्यूमैनिटीज- सोशल साइंसेज जैसी स्ट्रीम में भी लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अब देश की IITs में केवल इंजीनियरिंग कोर्सेज ही नहीं ऑफर हो रहे बल्कि मैनेजमेंट, हेल्थकेयर मैनेजमेंट, MBA, MA समेत स्किल बेस्ड कोर्सेज का चलन भी बढ़ रहा है। जिस तरह से कंपनियां आईआईटी में इंजीनियरिंग कोर्सेज करने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में प्राथमिकता देती है, उसी तरह से अब दूसरे कोर्सेज के लिए भी कंपनियां आगे आ रही हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ( IIM) के बाद IIT भी मैनेजमेंट की फील्ड में पॉपुलर हो रही हैं। देश में अभी 23 आईआईटी हैं।

क्या कहते हैं आईआईटी मंडी में मैनेजमेंट स्कूल के प्रोफेसर?
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के असोसिएट प्रफेसर डॉ. पूरन सिंह कहते हैं कि नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के लिए मल्टी- डिसिप्लिनरी अप्रोच (बहु-विषयक) के महत्व पर जोर देती है और आईआईटी काफी समय से इस विचार में सबसे आगे रहे हैं। विविध विषयों को एकीकृत करके आईआईटी एक ऐसा वातावरण तैयार करती है, जो इनोवेशन, सहयोग और समग्र विकास को बढ़ावा देता है।
बहुत सारी आईआईटी में अब स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की शुरुआत हो चुकी है। यह अप्रोच छात्रों को न केवल तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करती है, बल्कि इससे छात्रों को व्यापक सामाजिक और वैश्विक संदर्भों को समझने में भी मदद मिलती है। इंजीनियरिंग के छात्र भी मैनेजमेंट कोर्सेज को करते हैं।

इस बारे में डॉ. पी. सी. जैन, पूर्व प्रिंसिपल, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स कहते हैं, ‘मौजूदा दौर में चाहे आईआईटी हो या आईआईएम, किसी एक स्ट्रीम के साथ ही आगे नहीं बढ़ सकता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने यह मौका दिया है कि चाहे कोई यूनिवर्सिटी हो या आईआईटी, सभी को बहुविषयक सोच को अपनाना ही होगा। 2030 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में अलग- अलग स्ट्रीम के कोर्सेज होंगे। डॉ. जैन कहते हैं कि आईआईएम, आईआईटी में मेडिकल के कोर्सेज भी शुरू हो सकते हैं।’

अब चाहे IIT हो या IIM, एक स्ट्रीम के साथ आगे नहीं बढ़ सकता:
मैनेजमेंट फील्ड के एक्सपर्ट और डीयू के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन का कहना है कि मौजूदा दौर में चाहे आईआईटी हो या आईआईएम, किसी एक स्ट्रीम के साथ ही आगे नहीं बढ़ सकता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने यह मौका दिया है कि चाहे कोई यूनिवर्सिटी हो या आईआईटी, सभी को बहुविषयक सोच को अपनाना ही होगा। 2030 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में अलग- अलग स्ट्रीम के कोर्सेज होंगे।
डॉ. जैन कहते हैं कि आईआईएम, आईआईटी में मेडिकल के कोर्सेज भी शुरू हो सकते हैं। आईआईटी जिस तरह से एमबीए के साथ- साथ स्किल बेस्ड कोर्सेज को शुरू कर रही है, उससे छात्रों के पास मौके बढ़ जाते हैं। इंजीनियरिंग कोर्सेज में भी मैनेजमेंट, स्किल कोर्सेज को शामिल किया जा रहा है ताकि छात्र सामाजिक पहलुओं को भी समझें और रोजगार के लिहाज से भी यह बहुत कारगर साबित होगा।
चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (जींद) के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. आर. बी. सोलंकी कहते हैं कि केंद्र सरकार स्किल डिवेलपमेंट पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। आईआईटी की पढ़ाई पहले केवल इंजीनियरिंग तक ही सीमित रहती थी तो छात्रों को रोजगार मिलने में भी दिक्कतें आने लगी थी लेकिन अब आईआईटी में 360 डिग्री अप्रोच के साथ काम किया जा रहा है। विषयों की बंदिशें खत्म हो रही हैं, छात्र अपनी पसंद के विषयों को चुन रहे हैं।

नामी IIT में हैं MBA कोर्स:
IIT मद्रास में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) में कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) स्कोर के आधार पर एडमिशन होता है। आईआईटी ग्रैजुएट जिनका सीजीपीए स्कोर 10 में से 8 या इससे ज्यादा होता है, उन्हें कैट स्कोर से छूट मिलती है। इग्जेक्यूटिव मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (EMBA)- किसी भी स्ट्रीम में फर्स्ट क्लास यानी 60 पर्सेंट या इससे ज्यादा स्कोर पाने वाले आवेदन कर सकते हैं।
IIT मद्रास का कहना है कि एमबीए प्रोग्राम में 100 पर्सेंट प्लेसमेंट हो रही है। IIT गुवाहाटी में दो साल के एमए प्रोग्राम के साथ- साथ डिपार्टमेंट ऑफ ह्यमैनिटीज एंड सोशल साइंस भी हैं। मैनेजमेंट में पीएचडी भी होती है। IIT कानपुर में फुल टाइम एमबीए प्रोग्राम में एडमिशन प्रोसेस चल रहा है, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस में पीएचडी प्रोग्राम भी है।
IIT जोधपुर में एमबीए और एमबीए टेक्नोलोजी कोर्स है। आईआईटी मुंबई में एमबीए, एमबीए इग्जेक्यूटिव है। आईआईटी मंडी में इंटीग्रेटिड एमबीए, एमबीए इन डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पीएचडी इन मैनेजमेंट कोर्स है। आईआईटी रूड़की में एमबीए, इग्जेक्यूटिव एमबीए, पीएचडी प्रोग्राम इन मैनेजमेंट है।

मैनेजमेंट की फील्ड में रैंकिंग में भी IIT:
इंडिया रैंकिंग्स- 2024 को देखें तो मैनेजमेंट में आईआईएम अहमदाबाद नंबर वन रहा है। टॉप 10 की लिस्ट में देखें तो मैनेजमेंट में जहां आईआईएम की संख्या 7 है, वहीं अब आईआईटी में भी अब मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरु हुई है। आईआईटी दिल्ली इस बार चौथे नंबर पर आ गई है। आईआईटी बॉम्बे 10वें पर है। रिसर्च में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बेंग्लुरू, आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली बेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूशन हैं। इनोवेशन में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास और आईआईटी हैदराबाद टॉप थ्री हैं।

स्टार्टअप्स में आगे आ रहे:
मैनेजमेंट कोर्सेज करने के बाद छात्र स्टार्टअप्स को शुरू करने में भी आगे आ रहे हैं। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं और भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भी है। आईआईटी मंडी की एक स्टडी रिपोर्ट कहती है कि करीब 69 प्रतिशत छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार की तलाश करते हैं और पांच वर्षों में यह आंकड़ा घटकर 52.2 प्रतिशत रह जाता है और इस अवधि में 31 प्रतिशत छात्र उद्यमी बनने के प्रयास करते हैं जबकि ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान यह नंबर 14 प्रतिशत होता है।
यानी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद बड़ी संख्या में छात्र अपना बिजनेस शुरू करने की ओर प्रेरित हो रहे हैं। स्कूलों से ही छात्र अपना मकसद तय कर लेते हैं। एम. एम. पब्लिक स्कूल पीतमपुरी की प्रिंसिपल रूमा पाठक कहती है कि स्कूल में करियर को लेकर होने वाली वर्कशॉप में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स स्टार्टअप्स पर फोकस करने की बात करते हैं और यह सोच दिखाती है कि स्टूडेंट्स अब अपने करियर को लेकर स्पष्ट सोच रख रहे हैं।

IIT में टीचिंग प्रोग्राम भी:
आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रोपड़, आईआईटी जोधपुर समेत कई एनआईटी में 4-ईयर इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) पढ़ाया जा रहा है। बीएससी- बीएड इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) सहित कई स्ट्रीम ऑफर की जा रही हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कई आईआईटी के साथ एमओयू साइन किए हैं। कामकाजी लोगों को स्किल ट्रेनिंग से जोड़ने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। जो लोग किन्हीं कारणों से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, वे नामी संस्थानों से इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक चलाए जा रहे कोर्सेज को कर सकते हैं।

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