मध्य प्रदेश के कटनी जिले के प्रसिद्ध विजयनाथ धाम शिव मंदिर, बरही में होली के महोत्सव के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। महाआरती के दौरान गुलाल से भरे नाइट्रोजन सिलेंडर के ब्लास्ट से मंदिर के पुजारी रामभूषण मिश्रा सहित 10 श्रद्धालु झुलस गए। लेकिन इस भयावह घटना के बावजूद मंदिर परिसर में डीजे की धुन पर नाच-गाना और उत्सव जारी रहा। सवाल उठता है कि जब लोग जल रहे थे, दर्द से कराह रहे थे, तब क्या भक्ति महज दिखावा बन गई थी? क्या मानवता और सुरक्षा व्यवस्था की कोई कीमत नहीं रही?
इस हादसे के दौरान कुछ देर के लिए मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई। श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अब तक इस गंभीर घटना पर कोई कार्रवाई नहीं की। हैरानी की बात यह है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब इस मंदिर में अव्यवस्था और मनमानी की बातें सामने आई हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, विजयनाथ धाम में बीते दो वर्षों से अराजकता का माहौल है। मंदिर समिति के कुछ लोग पूजा-पाठ के नाम पर सोशल मीडिया स्टंट कर रहे हैं, जिससे मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।
इस घटना को लेकर जब बरही थाना प्रभारी शैलेंद्र यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे सिर्फ सोशल मीडिया की खबर बताकर टाल दिया। उन्होंने कहा कि अब तक थाने में कोई शिकायत नहीं आई है और शिकायत मिलने पर ही जांच होगी। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन को कार्रवाई के लिए शिकायत का इंतजार करना पड़ता है? क्या सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या इतने बड़े हादसे के बावजूद मंदिर समिति को कोई जवाबदेह नहीं बनाया जाएगा?
मंदिर में होली के अवसर पर महाआरती का आयोजन किया गया था। चश्मदीदों के अनुसार, आरती के दौरान मंदिर समिति के सदस्यों ने नाइट्रोजन सिलेंडर खोल दिया, जिसमें गुलाल भरा हुआ था। अचानक सिलेंडर ब्लास्ट हो गया, और आग की लपटों ने पास खड़े श्रद्धालुओं और पुजारी को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय लोग प्रशासन की अनदेखी से नाराज हैं और इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
इस घटना के बाद एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कथित तौर पर डिलीट कर दी गई। यह आशंका जताई जा रही है कि इससे जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर समिति और प्रशासन की मिलीभगत से मामले को दबाने की कोशिश हो रही है।