अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। व्हाइट हाउस ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को इस साल 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने हाल ही में कई देशों से आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। भारत को दी गई यह 90 दिनों की राहत निर्यातकों और व्यापार जगत के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।
2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित करीब 60 देशों पर उच्च आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया था। भारत पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था, जो थाईलैंड, वियतनाम और चीन जैसे देशों की तुलना में कम था। यह टैरिफ आदेश 9 अप्रैल से प्रभावी हुआ, लेकिन अब इसे 90 दिन के लिए टाल दिया गया है। इसका उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना था।
व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह टैरिफ निलंबन चीन, हांगकांग और मकाऊ पर लागू नहीं होगा। इन देशों पर शुल्क जारी रहेगा और इसके साथ ही 10 प्रतिशत का आधार शुल्क भी प्रभावी रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका चीन से आयात पर सख्ती दिखाकर अपनी घरेलू इकॉनमी को और मजबूती देना चाहता है।
व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, स्टील, एल्युमीनियम (12 मार्च से लागू) और ऑटो व ऑटो पार्ट्स (3 अप्रैल से लागू) पर 25 प्रतिशत शुल्क जारी रहेगा। हालांकि कुछ खास उत्पाद जैसे सेमीकंडक्टर, दवाएं, और ऊर्जा उत्पादों को शुल्क में छूट दी गई है। यह भारत के हाई-टेक और फार्मा सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है।
जहां भारत को राहत दी गई, वहीं चीन पर 145 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लगाया गया है। व्हाइट हाउस ने साफ किया कि यह कदम अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा और प्रतिस्पर्धा के लिए उठाया गया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अमेरिका भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को संतुलित और सहयोगपूर्ण बनाना चाहता है, जबकि चीन के साथ सख्त रवैया अपनाने की नीति जारी रखेगा।






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