साय सरकार का नया विजन – आईटी हब की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में नई बीजेपी सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य की औद्योगिक नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य नवा रायपुर को देश का नया आईटी हब बनाना है। सरकार अब टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर ज़ोर देते हुए, यहां की युवाशक्ति को आईटी सेक्टर में रोजगार देने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। यह पहल केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
बीपीओ से शुरू हुआ सफर – सैकड़ों युवाओं को मिला रोजगार
नवा रायपुर में स्क्वायर बिजनेस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के तहत एक बीपीओ की शुरुआत की गई है, जिसमें 350 युवाओं को नौकरी मिल चुकी है। खास बात यह है कि इन युवाओं में बड़ी संख्या में दंतेवाड़ा, गरियाबंद और धमतरी जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के उम्मीदवार शामिल हैं। मुख्यमंत्री साय ने स्वयं इस बीपीओ का उद्घाटन कर, राज्य के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में प्रतिबद्धता दिखाई है।
एनआरडीए की भूमिका – कंपनियों को मिल रही सुविधाएं
नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) आईटी कंपनियों के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ स्पेस की सुविधा प्रदान कर रहा है। अब तक चार कंपनियों को कुल 1800 सीटें आवंटित की जा चुकी हैं। साथ ही एक आधुनिक आईटी टॉवर के निर्माण की योजना भी बनाई जा रही है। एनआरडीए के सीईओ सौरभ कुमार ने बताया कि अगले कुछ महीनों में 5000 से 6000 नौकरियों के अवसर पैदा किए जाने की कोशिश की जा रही है, जिससे राज्य के युवाओं को उनके घर के पास ही काम मिल सके।
आईटी में करियर की बढ़ती जागरूकता
सरकार और प्रशासन मिलकर राज्य में आईटी सेक्टर की संभावनाओं को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं। कलेक्टरों और रोजगार अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आईटी कंपनियों और स्थानीय युवाओं के बीच समन्वय सुनिश्चित करें। इस प्रयास से उत्तर से दक्षिण तक के 13 जिलों के युवा अब नवा रायपुर में रोजगार पा रहे हैं, जिससे राज्य में प्रतिभाओं का पलायन भी रुक रहा है।
नवा रायपुर – युवाओं के सपनों का नया ठिकाना
स्क्वायर के सेंटर हेड प्रशांत कुमार सामल के अनुसार, आने वाले समय में 1000 से अधिक रोजगार और सृजित किए जाएंगे। उनका मानना है कि जिस तरह से सरकार और एनआरडीए साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, उससे नवा रायपुर जल्द ही बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे बड़े आईटी शहरों की सूची में शामिल हो सकता है। किशन मंडावी जैसे युवाओं की कहानी इस बदलाव की जीती-जागती मिसाल है, जो अब अपने क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं।





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