Friday, December 5, 2025

मध्यप्रदेश: कर्मचारियों को मिला स्वास्थ्य सुरक्षा का बड़ा तोहफा, ₹20 लाख तक का कैशलेस इलाज

MP Bhopal— मध्यप्रदेश सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री कर्मचारी बीमा योजना (Mukhyamantri Karmachari Bima Yojna) की शुरुआत की है। 18 मई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा और मानसिक शांति प्रदान करना है। इस योजना के तहत अब कर्मचारियों को ₹20 लाख तक का कैशलेस इलाज मिल सकेगा, जिससे उन्हें चिकित्सा खर्चों की चिंता से मुक्ति मिलेगी। यह कदम राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों के प्रति सम्मान और उनकी भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


क्या है मुख्यमंत्री कर्मचारी बीमा योजना? (What is Mukhyamantri Karmchari Bima Yojna in MP?)

यह योजना एक व्यापक स्वास्थ्य और जीवन बीमा कवर है जो मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करती है। इस योजना में दो प्रमुख घटक हैं:

  1. स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance): इसके तहत कर्मचारी और उनके परिवार को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का चिकित्सा कवरेज मिलता है। यह कवरेज जटिल सर्जरी और गंभीर बीमारियों के इलाज को भी शामिल करता है।
  2. जीवन बीमा (Life Insurance): इसके अंतर्गत कर्मचारी को ₹2 लाख तक का जीवन बीमा कवर दिया जाता है, जिससे उनके परिवार को किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में आर्थिक सहायता मिल सके।

इस योजना के तहत सबसे बड़ा बदलाव कैशलेस ट्रीटमेंट (Cashless Treatment) की सुविधा है। पहले कर्मचारियों को इलाज का सारा खर्च खुद उठाना पड़ता था और फिर रिफंड के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब वे सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में बिना किसी अग्रिम भुगतान के इलाज करवा सकेंगे। यह सुविधा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर रीवा की टीचर सीता देवी जैसी उन लाखों परिवारों के लिए, जिन्हें पहले बड़े ऑपरेशन के खर्च से जूझना पड़ा था।


किसे मिलेगा योजना का लाभ? (How to get benefit of Mukhyamantri Karmachari Bima Yojna in MP?)

मुख्यमंत्री कर्मचारी बीमा योजना का दायरा बहुत व्यापक है। यह योजना प्रदेश के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को कवर करती है, जिनमें स्थायी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी दोनों शामिल हैं। योजना के मुख्य लाभार्थियों में:

  • सरकारी कर्मचारी और अफ़सर: शिक्षक (Teachers), पुलिसकर्मी (Policemen), प्रशासनिक कर्मचारी, और अन्य सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी।
  • पेंशनर्स: सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जिसमें उन्हें ₹5 लाख तक का कवर प्रदान किया गया है।
  • आंगनवाड़ी और मिनी-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता: इन्हें भी राष्ट्रीय बीमा योजनाओं के तहत लाभ मिलेगा।
  • परिवार के सदस्य: यह योजना सिर्फ कर्मचारी तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को भी कवर करती है।

यह योजना पूरे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लागू है, चाहे कर्मचारी शहर में सेवा दे रहे हों या ग्रामीण क्षेत्रों में। सरकार ने इसे एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से लागू किया है, जिससे इसका लाभ स्वचालित रूप से सभी पात्र कर्मचारियों तक पहुंचेगा।


कैसे करें आवेदन? (How to apply for Mukhyamantri Karmachari Bima Yojna in MP?)

योजना में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया गया है। कर्मचारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

  1. ऑनलाइन आवेदन: कर्मचारी राज्य सरकार के पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
  2. ऑफलाइन आवेदन: यह सुविधा संबंधित कार्यालयों में भी उपलब्ध है।

आवेदन के लिए केवल पहचान पत्र और कर्मचारी कोड की आवश्यकता होगी। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद, कर्मचारी को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से इसकी पुष्टि मिल जाएगी। इसके बाद उन्हें एक योजना कार्ड जारी किया जाएगा, जिसे दिखाकर वे सीधे सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकेंगे।


अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ऐतिहासिक योजना के साथ-साथ कर्मचारियों के हित में कई और बड़े फैसले भी लिए हैं:

  • महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी: अब मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर होगा।
  • मकान किराया भत्ता (HRA) की मांग मंजूर: कर्मचारियों की पिछले 9 सालों से लंबित एचआरए की मांग को सरकार ने मान लिया है।
  • नई तबादला नीति: एक नई और पारदर्शी तबादला नीति भी लागू की गई है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार होगा।

ये सभी फैसले मिलकर मध्यप्रदेश सरकार की कर्मचारियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। ये योजनाएं न केवल कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बनाएंगी, बल्कि उनकी कार्यक्षमता और मनोबल को भी बढ़ाएंगी, जिससे राज्य के विकास में गति आएगी। इस तरह, मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अपने “कर्मयोगियों” की भलाई को सर्वोपरि मानती है।

Written by: Journalist Vijay

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