मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्वविद्यालय के 29वें दीक्षांत समारोह में इसका ऐलान किया। उन्होंने घोषणा की कि अब यह विश्वविद्यालय सम्राट विक्रमादित्य के नाम से जाना जाएगा, जिससे इस महान शासक की ऐतिहासिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य राष्ट्र और समाज की सेवा में योगदान देना है। इस अवसर पर उन्होंने माधव विज्ञान महाविद्यालय परिसर में एक नया सभागार बनाने की भी घोषणा की, जो विद्यार्थियों के शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोगी साबित होगा। इस बदलाव को राज्य सरकार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पद्मभूषण कमलेश पटेल को मानद डी.लिट उपाधि से सम्मानित किया। इस भव्य आयोजन में 68 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जबकि 99 छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। समारोह में मौजूद छात्रों और अभिभावकों ने इस महत्वपूर्ण बदलाव का स्वागत किया और इसे शिक्षा जगत में एक नई दिशा देने वाला कदम बताया। मुख्यमंत्री ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि वे अपने ज्ञान का सदुपयोग कर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।





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