पति से विवाद के बाद उठाया खौफनाक कदम या कुछ और?
गुना जिले के राघौगढ़ के रामपुरा गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 24 वर्षीय महिला शिवानी लोधा ने अपने दो साल के मासूम बेटे शिवाय के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन क्या यह वास्तव में आत्महत्या थी, या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है? इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
रात के अंधेरे में क्या हुआ था?
मंगलवार की रात शिवानी और उसके पति रामेश्वर लोधा के बीच फिर से विवाद हुआ। यह कोई नई बात नहीं थी—रामेश्वर शराब का आदी था और अक्सर नशे में शिवानी के साथ मारपीट करता था। बताया जा रहा है कि विवाद के बाद शिवानी अपने कमरे में गई और कुछ देर बाद जब ससुरालवालों ने दरवाजा खोला, तो मां और बेटे को फंदे से लटका पाया। परिजनों के मुताबिक, शिवानी का शरीर हल्का गर्म था, इसलिए आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
लेकिन इस पूरी घटना में कुछ बातें संदेह पैदा कर रही हैं। शिवानी के पिता बुंदेल सिंह लोधा का दावा है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है!
पिता के गंभीर आरोप – “बेटी को मारा गया!”
शिवानी के पिता ने सीधे-सीधे अपने दामाद रामेश्वर और उसके परिवार पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रामेश्वर लगातार दहेज के लिए बेटी को प्रताड़ित करता था।
चौंकाने वाले खुलासे:
तीन साल से घरेलू हिंसा झेल रही थी शिवानी।
मंगलवार को भी उसने पिता को फोन कर बताया कि पति मारपीट कर रहा है।
ससुरालवालों ने घटना के बाद परिवार को जानकारी तक नहीं दी।
फांसी के निशान नहीं, बल्कि सिर पर चोट के गंभीर निशान मिले।
पिता का आरोप है कि अगर बेटी ने आत्महत्या की होती, तो गले पर फांसी के साफ निशान होते, लेकिन उसके शरीर पर अन्य चोटों के निशान क्यों हैं? यह सवाल अपने आप में इस घटना को हत्या की तरफ मोड़ देता है।
गुना से सीधे निजी अस्पताल – क्यों?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिवानी और शिवाय को पहले राघौगढ़ अस्पताल नहीं ले जाया गया, बल्कि सीधे गुना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन जब शिवानी के परिजन वहां पहुंचे, तो निजी अस्पताल में कोई नहीं मिला! बाद में पता चला कि शवों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया था।
क्या यह एक सुनियोजित साजिश थी?
क्या ससुरालवालों ने इस घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की?
न्याय की पुकार – दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई!
शिवानी के परिवार का कहना है कि यह एक ठंडे दिमाग से की गई हत्या है, और वे इस मामले की गहराई से जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और इस घटना के पीछे छिपे सच को सामने लाया जाए।
यह मामला अब पूरी तरह संदेह के घेरे में है। क्या पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी? क्या दोषियों को सजा मिलेगी? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?