रात के एक बजे… जब पूरा देवास गहरी नींद में था, तब चामुंडा टेकरी मंदिर की शांत पहाड़ियों पर अचानक गाड़ियों की रोशनी चमकी। दरवाजे बंद थे, मंदिर के कपाट बंद थे… लेकिन कुछ लोग ‘खास’ थे – जिनके लिए न नियम मायने रखते हैं, न मर्यादा। मंदिर को खुलवाने की ज़िद में वहां जो हुआ, उसने न सिर्फ मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाई बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया – क्या सत्ता का वंश अब श्रद्धा पर हावी हो गया है? इस आधी रात की कहानी ने पूरे मध्य प्रदेश को हिला दिया है।
देवास के ऐतिहासिक और श्रद्धा के केंद्र मां चामुंडा टेकरी मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को इंदौर के एक सत्ताधारी विधायक के बेटे और उसके काफिले ने कथित तौर पर जबरन प्रवेश किया। पुजारी के बेटे ने जब मंदिर खोलने से इनकार किया, तो उस पर मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस घटना की पुष्टि खुद मंदिर के पुजारी ने एफआईआर दर्ज कराकर की है। बताया जा रहा है कि आधी रात को लाल बत्ती वाली गाड़ियों का काफिला मंदिर पहुंचा और जबरन ताले खुलवाने की कोशिश की गई।
मामला गरमाया, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सामने आए। उन्होंने देवास की इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह एक धार्मिक स्थल का अपमान है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे सत्ता की अंधभक्ति बताते हुए कहा – “अब बीजेपी नेताओं के वंशज सत्ता के अहंकार में मंदिर के कपाट भी तोड़ने पर आमादा हैं।” कांग्रेस इसे भाजपा की ‘संस्कृति पर राजनीति’ करार दे रही है और मांग कर रही है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए।
हालांकि, बीजेपी ने विधायक के बेटे पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर तो दर्ज की, लेकिन उसमें विधायक के बेटे का नाम नहीं था – सवाल उठता है, क्यों? वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि आधी रात को कई गाड़ियां मंदिर परिसर में दाखिल हो रही हैं। इस वीडियो ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।