छत्तीसगढ़ के शांत माने जाने वाले भाटापारा शहर में रविवार दोपहर एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने सियासी गलियारों से लेकर आम जनमानस को सकते में डाल दिया। कांग्रेस विधायक इंद्र साव के पर्सनल सुरक्षा अधिकारी (PSO) डिगेश्वर गागड़ा ने अपने सरकारी क्वार्टर में खुद पर तीन गोलियां चला दीं। पहली दो गोलियों के बाद भी वह जिंदा था, लेकिन तीसरी गोली ने जिंदगी का रिश्ता हमेशा के लिए तोड़ दिया। सवाल यही उठता है—क्या यह महज़ आत्महत्या थी या इसके पीछे कोई गहरा राज छुपा हुआ है?
जानकारी के मुताबिक डिगेश्वर गागड़ा लंबे समय से विधायक इंद्र साव की सुरक्षा में तैनात था और चुनाव के बाद से उनका बेहद करीबी माना जाता था। एक महीने पहले ही उसने लव मैरिज की थी, और विधायक के अनुसार उसका व्यवहार बिल्कुल सामान्य था। रविवार की सुबह भी वह ड्यूटी पर पहुंचा, किसी तरह की परेशानी या मानसिक दबाव का संकेत नहीं दिया। लेकिन दोपहर का खाना खाने के लिए क्वार्टर में गया और कुछ ही देर बाद तीन राउंड की गोलीबारी की आवाज़ आई। जब तक लोग पहुंचे, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। सवाल ये है कि एक नवविवाहित, शांत स्वभाव वाला अधिकारी इतनी बड़ी और भयावह आत्मघाती हरकत क्यों करेगा?
घटना स्थल विधायक इंद्र साव के घर के सामने ही स्थित क्वार्टर था, जहां डिगेश्वर अकेले रह रहा था। करीब 3:30 बजे तीन गोलियों की आवाज़ ने सबको चौकन्ना कर दिया। जब लोग दौड़ते हुए उसके क्वार्टर में पहुंचे, तो डिगेश्वर खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ा था। उसके पास ही सर्विस रिवॉल्वर और तीन खाली बुलेट के खोखे पड़े थे। यह दृश्य किसी भी सामान्य आत्महत्या से कहीं ज्यादा सस्पेंस पैदा करता है। क्या यह वाकई आत्महत्या थी या किसी और ने इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की?
घटना के तुरंत बाद भाटापारा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। बलौदा बाजार के एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि मौके से तीन खाली खोखे बरामद हुए हैं और FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम ने घटनास्थल से सैंपल इकट्ठा कर लिए हैं। हालांकि अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे मामले की गुत्थी और उलझती जा रही है। पुलिस फिलहाल पारिवारिक, मानसिक और पेशेवर पहलुओं पर जांच कर रही है, लेकिन कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।






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