MP Cabinet Meeting Big Updates: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें राज्य के विकास से जुड़े कई अहम फैसले शामिल हैं। इस बैठक ने राज्य की दिशा को नया मोड़ देने के संकेत दिए हैं, और सरकार के भविष्य के एजेंडों को स्पष्ट किया है।
यह बैठक राज्य की राजनीति और प्रशासनिक गतिविधियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें कुछ फैसले ऐसे थे जिनकी उम्मीद कई महीनों से की जा रही थी। सबसे पहले, ट्रांसफर पॉलिसी का मसला छाया रहा, जिसे अगले मंत्री परिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। सरकार का कहना है कि कर्मचारियों के ट्रांसफर से संबंधित नीतियों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि प्रशासनिक कार्यकुशलता बनी रहे और जनहित में सेवा बेहतर हो।
इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है – ग्वालियर में देश का पहला टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन स्थापित किया जाएगा। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है, और उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय स्वीकृति के बाद इस क्षेत्र में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इस निवेश से लगभग 5,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।
कैबिनेट बैठक में राज्य के किसानों के लिए भी एक बड़ी घोषणा की गई। मध्यप्रदेश सरकार ने गेंहू उपार्जन को लेकर एक विशेष फैसला लिया है। इस वर्ष गेंहू उपार्जन 50 लाख मल्टी टन तक पहुंच चुका है, और समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 2,600 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है, जिसमें 175 रुपए का बोनस शामिल है। यह निर्णय किसानों को अधिक आर्थिक लाभ देने की दिशा में अहम कदम है, क्योंकि किसान अधिक उत्साह के साथ अपनी उपज खरीदी केंद्रों पर पहुंचा रहे हैं।
इंदौर में होने वाला “27 अप्रैल एमपी टेक कॉन्क्लेव” भी इस बैठक का एक अहम हिस्सा रहा। इस आयोजन में 500 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञों और कंपनियों की भागीदारी होगी। इसके माध्यम से, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के बाद, मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर में निवेश बढ़ाने के रास्ते खुले हैं। यह कॉन्क्लेव राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण निवेश और रोजगार सृजन की संभावना है।
आखिरकार, कैबिनेट ने एक दुखद समाचार भी साझा किया। पोप फ्रांसिस के देहांत पर मध्यप्रदेश में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। यह शोक राज्यवासियों की संवेदनाओं को जोड़ने का एक कदम है। इसके साथ ही, संवेदनशील इलाकों में टाइगर बफर जोन और चैन लिंक फेंसिंग की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वन्यजीवों और मानवों के बीच की दूरी बनी रहे। इन फैसलों से यह प्रतीत होता है कि राज्य सरकार अब अपनी योजनाओं और कार्यों के माध्यम से राज्य की जनता की बेहतरी के लिए लगातार कदम उठा रही है।





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