ग्वालियर (मध्यप्रदेश) से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां शुक्रवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित वीआईपी कक्ष में भीषण आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि स्टेशन के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक फैल गईं और इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर भारी अफरा-तफरी मच गई। आग लगने के बाद वहां भगदड़ का माहौल बन गया, जिससे यात्री अपने जीवन को लेकर घबराए हुए थे। जैसे ही आग की सूचना मिली, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को बुझाने की कोशिशों में जुट गईं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, शॉर्ट सर्किट के कारण इस भीषण आग का जन्म हुआ, जिसने रेलवे स्टेशन के वीआईपी कक्ष को अपनी चपेट में लिया और उसके बाद आग ने स्टेशन के अन्य हिस्सों तक अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। स्टेशन पर मची अफरा-तफरी और आग की लपटों के कारण ट्रेनों के आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को घंटों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्टेशन पर मौजूद अधिकारी और सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंचे, लेकिन आग के बढ़ते असर को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
इस हादसे का असर रेल यातायात पर भी पड़ा। दिल्ली से ग्वालियर और भोपाल की दिशा में जा रही कई ट्रेनें रास्ते में ही रोक दी गईं, और ग्वालियर स्टेशन तक पहुंचने वाली ट्रेनों को भी मंजिल तक जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके परिणामस्वरूप यात्री गर्मी और असुविधाओं का सामना कर रहे थे, क्योंकि उन्हें स्टेशन पर घंटों खड़ा रहना पड़ा। रेलवे अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें की, लेकिन अफरा-तफरी के कारण स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ पाई।
मौके पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने यात्रियों को स्थिति से सुरक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया, लेकिन आग की तीव्रता को देखकर यह साफ हो गया कि इस घटना के चलते स्टेशन पर कई घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहेगा। फायर ब्रिगेड की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन इसके बावजूद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का भारी जमावड़ा और अव्यवस्था बनी रही।
इस घटना से एक बार फिर यह साबित हो जाता है कि रेलवे स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण और व्यस्त जगहों पर सुरक्षा उपायों की गंभीरता से समीक्षा की जानी चाहिए। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर हुई इस भीषण आग ने न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ाई, बल्कि रेलवे सुरक्षा के मुद्दे पर भी सवाल खड़ा कर दिया। अब देखना यह है कि रेलवे प्रशासन इस घटना से संबंधित जांच और सुधार के लिए कौन-कौन से कदम उठाता है।






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