क्या आप भी सोचते थे कि B.Ed या LLB जैसी पढ़ाई सिर्फ महंगे कॉलेजों का सपना है? तो रुकिए! एक बड़ी खुशखबरी आपका इंतजार कर रही है। मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए एक ऐसा फैसला आया है, जो न केवल उनकी जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि उनके सपनों को भी नए पंख देगा। प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए 63 कॉलेजों की फीस तय कर दी है। खास बात यह है कि कॉलेजों द्वारा मांगी गई भारी-भरकम फीस को दरकिनार करते हुए, छात्रों के हित में किफायती दरें निर्धारित की गई हैं। आने वाले सत्र 2025-26 से लेकर 2027-28 तक, अब कम पैसों में शिक्षा का सपना पूरा हो सकेगा।
प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति (AFRC) ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन कॉलेजों ने फीस बढ़ाने की मांग की थी, वे अपनी बैलेंस शीट में कोई ठोस आधार प्रस्तुत नहीं कर सके। ऐसे में उन्हें अधिक फीस वसूलने की अनुमति नहीं दी गई। कुछ कॉलेजों ने सुविधाओं का हवाला देकर मामूली बढ़ोतरी करवाई, लेकिन अधिकांश को पहले से तय फीस से ही संतोष करना पड़ा। तय की गई फीस के अनुसार, B.Ed कोर्स की न्यूनतम फीस 32 हजार और अधिकतम 45 हजार रुपए सालाना होगी। वहीं, LLB और BA LLB कोर्स की फीस 23 हजार से 30 हजार रुपए सालाना के बीच निर्धारित की गई है। अगर आप LLM करना चाहते हैं, तो इसके लिए न्यूनतम 28,500 और अधिकतम 45 हजार रुपए सालाना चुकाने होंगे।
अभी यह केवल शुरुआत है। AFRC को पूरे प्रदेश के 1200 कॉलेजों की फीस निर्धारित करनी है। अगले महीने से उच्च शिक्षा विभाग की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होनी है, इसलिए प्राथमिकता के आधार पर BCI और NCTE के अंतर्गत आने वाले कोर्स की फीस को पहले तय किया जा रहा है। समिति ने कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे 30 अप्रैल तक अपनी बैलेंस शीट और प्रस्तावित फीस विवरण जमा करें। यदि कॉलेज ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके पुराने दस्तावेजों के आधार पर ही फीस तय कर दी जाएगी। इससे न केवल छात्रों को पारदर्शिता का भरोसा मिलेगा, बल्कि शिक्षा में बेवजह के व्यय पर भी अंकुश लगेगा।
OSD देव आनंद हिंदोलिया ने बताया कि समिति ने हर वर्ग के छात्रों का ध्यान रखते हुए फीस निर्धारण किया है। उनका साफ कहना है कि शिक्षा व्यापार नहीं होनी चाहिए, बल्कि एक सेवा होनी चाहिए, जिसे हर वर्ग का विद्यार्थी प्राप्त कर सके। निश्चित तौर पर, इस फैसले से उन लाखों छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा, जो सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च शिक्षा पाने की इच्छा रखते हैं। अब अभिभावकों को भारी फीस का डर नहीं सताएगा और छात्र अपने सपनों की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा सकेंगे।






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