प्रदेश में अफसरशाही की लापरवाही पर अब सीएम डॉ. मोहन यादव की सीधी नजर है। शुक्रवार को मंत्रालय में आयोजित समाधान ऑनलाइन बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सिस्टम में फैली ढिलाई और जनता की समस्याओं को नज़रअंदाज़ करने वाले अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान ही रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के सीएमओ और सब-इंजीनियर को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। यही नहीं, सिवनी जिले में गंभीर अपराधों में एफआईआर दर्ज नहीं करने के मामले में थाना प्रभारी (टीआई) और एसडीओपी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने साफ कहा – “काम में देरी बर्दाश्त नहीं, जो जिम्मेदारी नहीं निभाएगा, उस पर कार्रवाई तय है।”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, कमिश्नर समेत वरिष्ठ अफसरों के साथ समाधान ऑनलाइन बैठक में जनता की समस्याओं के निराकरण की समीक्षा की। बैठक के दौरान कई जिलों में योजनाओं के लाभ में अनावश्यक देरी, शिकायतों के लंबित रहने और अफसरों की अनदेखी के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने साफ संदेश दिया कि सरकार की योजनाएं कागजों पर नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए और अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक के दौरान सीएम यादव ने सीहोर जिले के नल-जल योजना की स्थिति पर विशेष नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि योजना का उद्देश्य हर घर तक पानी पहुंचाना है, तो आखिरी गांव तक पानी क्यों नहीं पहुंच रहा? मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जिन गांवों के लिए योजना स्वीकृत है, वहां के लोग आज भी पानी के लिए परेशान क्यों हैं। अफसरों को निर्देश दिए गए कि ऐसी लापरवाही दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तत्काल समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री की सख्ती सिर्फ सस्पेंशन तक सीमित नहीं रही, बल्कि अन्य जिलों में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। विदिशा जिले में मुद्रा योजना का लाभ पात्र लोगों को नहीं देने पर सीएमओ को नोटिस थमाया गया। साथ ही लीड बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी पत्र लिखा गया। टीकमगढ़ जिले में बकरी पालन योजना के तहत अनुदान की फाइल के गुम होने का मामला सामने आया, जिसे समाधान ऑनलाइन में आने के बाद आनन-फानन में निपटाया गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर चूक मानते हुए जिम्मेदार अफसरों पर नजर रखने को कहा।
खंडवा जिले में दिव्यांग जनों को 193 दिनों से पेंशन की राशि नहीं मिलने का मामला सामने आया। समाधान ऑनलाइन में शिकायत दर्ज होते ही कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और अफसरों को यह समझना होगा कि अब लापरवाही के दिन लद चुके हैं। समाधान ऑनलाइन जैसी बैठकों का उद्देश्य केवल समीक्षा नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार और आम जनता के भरोसे को बनाए रखना है।